देश में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की बढ़ी संख्‍या, रिपोर्ट में खुलासा

देश के बेरोजगार कार्यबल में लगभग 83% युवा हैं. कुल बेरोजगार युवाओं में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त की संख्‍या ज्‍यादा है

देश में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की बढ़ी संख्‍या, रिपोर्ट में खुलासा

तकनीकी विकास और आधुनिकता के दौर में भले ही देश विकास की ओर बढ़ रहा हो, लेकिन बेरोजगारी के मामले में अभी भी हालत सुधरे नहीं है. भारत में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है. देश के बेरोजगार कार्यबल में लगभग 83% युवा हैं. कुल बेरोजगार युवाओं में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं की संख्‍या बढ़ी है. साल 2000 में यह आंकड़ा जहां 35.2% था, वहीं 2022 में यह लगभग दोगुना बढ़कर 65.7% हो गया. इस बात का खुलासा अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और मानव विकास संस्थान (IHD) की ओर से मंगलवार को जारी किए गए भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 में हुआ है.

दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने वालों की बढ़ी संख्‍या

आईएलओ रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सेकेंडरी (दसवीं) के बाद लोगों का स्कूल छोड़ना अभी भी उच्च स्तर पर बना हुआ है. खासतौर पर गरीब राज्यों में या समाज में निचले स्‍तर पर रहने वाले लोगों के बीच में इसका ट्रेंड जयादा देखने को मिला है. हायर एजुकेशन के मामले में देश में काफी अंदर है, शहर को छोड़कर छोटे और पिछड़े इलाकों में शिक्षा का स्तर चिंताजनक है. स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन लेवल तक भारत में बच्चों के बीच सीखने की क्षमता कम है.

मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र में कामगारों का इजाफा

रिपोर्ट के अनुसार देश में हाई टेक्‍नोलॉजी के प्रसार के बावजूद यहां के लाखों युवाओं के पास श्रम केंद्रित मैन्‍युफैक्‍चरिंग में काम करने के अलावा कोई और विकल्‍प नहीं है. यही वजह है कि हर साल श्रम बल में इजाफा हो रहा है. मानव विकास के लिए (आईएचडी) का कहना है कि हर साल सात से आठ मिलियन युवा देश की श्रम शक्ति और मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र में शामिल होंगे. चूंकि इसे चलाने के लिए कई लोगों की जरूरत होती है ऐसे में आने वाले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में रोजगार पैदा हो सकता है.

Published - March 27, 2024, 04:27 IST