भारत ने मॉरीशस और भूटान को सरकारी स्तर पर गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट का फैसला किया है. भूटान को 79 हजार टन और मॉरीशस को 14 हजार टन गैर बासमती चावल का एक्सपोर्ट किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की जानकारी रखने वाले दो सरकारी अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों की ओर से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध से छूट देने का अनुरोध किया गया था. सरकार ने उसके बाद दोनों देशों को निर्यात का फैसला किया है.
पिछले महीने गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगा था प्रतिबंध
चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भारत के गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम और सिंगापुर, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने भारत सरकार से गैर बासमती सफेद चावल निर्यात फिर से शुरू करने की अपील की थी. बता दें कि 20 जुलाई को सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत के गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाने के बाद वैश्विक बाजार में चावल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भूटान ने भारत से चावल निर्यात पर लगे प्रतिबंध में छूट देने का अनुरोध किया था. भूटान ने जुलाई के अंत में 90,000 टन तक चावल शिपमेंट के लिए राजनयिक अनुरोध किया था. वहीं इस महीने के शुरुआत में मॉरीशस ने भी निर्यात पर लगे प्रतिबंध से छूट देने का अनुरोध किया था.
चावल निर्यात पर लागू होगा MEP?
दूसरी ओर चावल के निर्यात पर कई पाबंदियों के बाद सरकार चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त लगा सकती है. ऐसा होने पर सरकार के तय मूल्य के ऊपर ही निर्यात की अनुमति होगी. हालांकि यह अनुमति सिर्फ उसी चावल के निर्यात पर होगी, जिसपर अभी तक सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया है. फिलहाल देश से गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगी हुई है. हालांकि सेला चावल और बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध नहीं है.