कोयले से दूरी खा जाएगी 400,000 लोगों की नौकरी

कोयले का उपयोग कम होने से भारत और चीन में बड़ी संख्‍या में कोयला खदानों में काम करने वाले कर्मचारी गंवा देंगे अपनी नौकरी.

cola mine jobs

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एनर्जी सिस्‍टम में कोयले की हिस्‍सेदारी घटने से कोयला खदान मालिकों को 2035 तक रोजाना 100 श्रमिकों को काम से हटाना होगा. इस कटौती का सबसे ज्‍यादा असर भारत और चीन पर होगा. ग्‍लोबल एनर्जी मॉनिटर द्वारा इस हफ्ते जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोयला खदाने बंद होने से वर्ष 2035 तक वैश्विक स्‍तर पर करीब 15 फीसदी कोयला खनन रोजगार कम हो जाएंगे. कुल मिलाकर वर्ष 2035 तक करीब 400,000 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाल दिया जाएगा. वर्ष 2050 तक यह आंकड़ा बढ़कर 10 लाख तक होने की संभावना है. क्‍योंकि दुनिया के तमाम देश अब सस्‍ती विंड और सोलर एनर्जी प्रोडक्‍शन पर ज्‍यादा ध्‍यान दे रहे हैं.

कंपनियां और सरकारें जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए जीवाश्‍म ईंधन से दूरी बना रही हैं. कोयले से बढ़ती ये दूरी कुछ सामाजिक चुनौतियां भी पैदा कर रही है, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती लोगों की नौकरी जाना है. ऑटोमेशन, दक्षता और कमोडिटी साइकिल के कारण कम हुए माइनिंग जॉब्‍स का मुद्दा अमेरिका से लेकर यूरोप और ऑस्‍ट्रेलिया तक एक गंभीर राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला खदानों में होने वाली छंटनी के दर्द को कम करने का एक तरीका यह हो सकता है कि यहां काम करने वाले कर्मचारियों को नए नौकरी के अवसरों में प्राथमिकता दी जाए.

ग्‍लोबल एनर्जी मॉनिटर के मुताबिक, चीन दुनिया के आधे से अधिक कोयले का उत्‍पाद और उपयोग करता है. यहां कोयल खदानों में करीब 15 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. चीन में अकेले शांक्‍सी प्रांत में 2050 तक 240,000 से अधिक खनन नौकरियां खत्‍म होने की संभावना है. चीन की सरकार भविष्‍य में कोयला खदान बंद होने से उत्‍पन्‍न होने वाली सामाजिक लागत को कम करने के लिए अभी से श्रमिकों की जगह ऑटोमेटेड मशीनें नियुक्‍त करने के लिए कंपनियों पर दबाव डाल रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सरकारी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड को छंटनी से सबसे बड़े कॉरपोरेट प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है. कोयले से दूरी बनाने के चलते वर्ष 2050 तक यहां 74,000 कोयला खनन कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.

कोल इंडिया के मुताबिक, उसके कर्मचारियों की संख्‍या पहले से ही घटना शुरू हो गई है. 2017 में कोल इंडिया के कुल कर्मचारियों की संख्‍या 310,000 थी, जो 2023 में घटकर 240,000 रह गई है. कंपनी का कहना है कि उसके कर्मचारियों की संख्‍या हर साल 13,000 से 14,000 घट रही है. सेवानिवृत्ति और आउटसोर्सिंग के कारण इस गति में और तेजी आने की उम्‍मीद है, जिसकी वजह से नई नियुक्तियां सीमित हो जाएंगी.

Published - October 11, 2023, 02:43 IST