हरियाणा में पूसा बासमती 1509 धान की कीमतों में 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की जा रही है. बासमती चावल के निर्यात के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) घोषित करने के बाद धान की कीमतों में गिरावट है. बता दें कि दूसरी वैरायटी की तुलना में 1509 धान छोटी अवधि की फसल होती है और यही वजह है कि इसकी नई फसल की आवक मंडियों में सबसे पहले होती है. हालांकि चावल उद्योग का कहना है कि एक्सपोर्ट के लिए जो न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया गया है वह अभी ऊंचे स्तर पर है और इसको करीब 1,000 डॉलर प्रति टन तक कम करने की जरूरत है.
‘MEP को कम करने की जरूरत’
उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 1,200 डॉलर प्रति टन के नीचे निर्यात सौदे पंजीकृत नहीं होने के ऐलान के बाद सरकारी संस्था एपीडा ने ऑनलाइन एप्लिकेशन फाइलिंग सिस्टम में बदलाव कर दिया है. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से सिस्टम में बदलाव करने के लिए निर्देश दिए गए थे. जीआरएम ओवरसीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल गर्ग के मुताबिक बासमती चावल के निर्यात के पिछले औसत दर के आधार पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को कम करने की जरूरत है. उनका कहना है कि बासमती की विभिन्न किस्में हैं और विदेशी बाजारों में सभी किस्मों की अपनी अलग-अलग मांग होती है. एक महीने के बाद नई फसल की आवक बढ़ने पर निर्यात मूल्य की सही जानकारी सामने आएगी.
आल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट विजय सेतिया के मुताबिक न्यूनतम निर्यात मूल्य 950-1,000 डॉलर प्रति टन होना चाहिए. उनका कहना है कि नकारात्मक सेंटीमेंट की वजह से सोमवार को पूसा बासमती 1509 धान का भाव 3,400 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था, जबकि पिछले हफ्ते इसका भाव 3,700 रुपए प्रति क्विंटल था. वहीं उद्योग से जुड़े के एक अधिकारी का कहना है कि ऐसी आशंका जताई जा रही है कि उपभोक्ताओं की भुगतान क्षमता से भाव ज्यादा होने की स्थिति में विदेशों में खरीदार अपनी खरीदारी घटा सकते हैं.