जेनेटिकली मोडिफाइड (GM) सरसों की वैरायटी धारा मस्टर्ड हाइब्रिड (डीएमएच-11) के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. फिलहाल 2023-24 के सीजन में जीएम सरसों की वैरायटी के आने की संभावना नहीं है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इसके फील्ड ट्रायल के लिए कोई भी निर्देश नहीं दिए हैं, जबकि सरसों की बुआई सामान्यतौर पर 15 नवंबर के आस-पास बंद हो जाती है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली कुछ सुनवाई में मामले की सुनवाई नहीं की है और अगली तारीख भी अभी तय नहीं हुई है. हालांकि यह मामला अगले हफ्ते शीर्ष अदालत के समक्ष आने की संभावना है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि बुआई की अनुमति देने के लिए कोई आदेश पारित किया जाएगा या नहीं.
कमर्शियल लॉन्च के लिए तय मानक पर फेल हुई GM सरसों
बता दें कि धारा मस्टर्ड हाइब्रिड नाम की जीएम सरसों वैरायटी कमर्शियल लॉन्च के लिए न्यूनतम वजन की शर्त पास नहीं कर पाई है. पिछले रबी सीजन में इस पर हुए ट्रायल के दौरान सरसों के प्रति 1,000 बीजों का वजन 3.5 ग्राम पाया गया था, जबकि कमर्शियल लॉन्च के लिए 4.5 ग्राम वजन होना जरूरी है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने जीएम सरसों के कमर्शियल लॉन्च पर रोक लगाई हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा पिछले रबी सीजन (2022-23) में 6 अलग-अलग स्थानों पर किए गए क्षेत्रीय परीक्षणों के परिणामों के अनुसार धारा मस्टर्ड हाइब्रिड यानी डीएमएच-11 की उपज करीब 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और इसमें तेल की मात्रा 40 फीसद है.
सरसों के रकबे में मामूली बढ़ोतरी
बता दें कि केंद्र सरकार ने अगस्त के महीने में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और मांग की थी कि इस बार रबी की बुआई शुरू होने से पहले सुप्रीम कोर्ट GM सरसों पर लगाई रोक को वापस ले, ताकि समय रहते GM सरसों की खेती पर कार्य शुरू किया जा सके. गौरतलब है कि देश में सरसों की खेती सितंबर से शुरू हो जाती है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू रबी सीजन में 10 नवंबर तक देशभर में 57.16 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस अवधि में यह आंकड़ा 56.87 लाख हेक्टेयर का था.