देश की प्रमुख मंडियों में प्याज की कीमतों में आई तेज गिरावट की खबरों के बावजूद सरकार सतर्क रुख अपना रही है. सरकार ने फिलहाल प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. गौरतलब है कि सरकार ने पिछले महीने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में देश में प्याज की सप्लाई की स्थिति को लेकर सरकार की ओर से आकलन किया गया था और उस समय यह आम सहमति बनी थी कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाना संभव नहीं लग रहा है.
31 मार्च तक है निर्यात पर प्रतिबंध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि सरकार प्याज की सप्लाई की स्थिति और कीमतों का बारीकी से आकलन कर रही है. जानकारी के मुताबिक खरीफ फसल की आवक के साथ महाराष्ट्र में नासिक में लासलगांव मंडी प्याज का भाव गिरकर 1,500-1,800 रुपए प्रति क्विंटल के दायरे में पहुंच गया है, जो कि पहले करीब 3,700-4,000 रुपए प्रति क्विंटल थी. बता दें कि सरकार ने 7 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. सरकार ने 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.
जानकारी के मुताबिक पुणे, अहमदनगर और सोलापुर जैसे अन्य प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों की मंडियों में मौजूदा समय में प्याज का भाव 1,800 रुपए से 1,900 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास है. कारोबारियों का कहना है कि ज्यादा नमी की वजह से प्याज की खरीफ फसल को स्टोर नहीं किया जा सकता है. ऐसे में मंडियों में प्याज की आवक बढ़ रही है और जिसकी वजह से प्याज के दाम नीचे आ रहे हैं. दूसरी ओर किसान और कारोबार प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे हैं ताकि भाव में ज्यादा गिरावट नही आए.
कारोबारियों का कहना है कि मंडी में प्याज की कीमतों में काफी गिरावट आ चुकी है और भाव प्याज की उत्पादन लागत से भी नीचे पहुंच गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध के बाद से महाराष्ट्र में कीमतों में करीब 33 फीसद की गिरावट आ चुकी है.