चालू फसल वर्ष 2023-34 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 114 मिलियन टन होने का अनुमान है. खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ज्यादा बुआई और मौसम अनुकूल होने की वजह से गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है. गौरतलब है कि रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुआई आखिरी दौर में है और यह अगले हफ्ते तक जारी रहेगी. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते तक 320.54 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हो चुकी है.
फसल वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 110.55 मिलियन टन था उत्पादन
फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 110.55 मिलियन टन दर्ज किया गया था, जबकि उसके पिछले वर्ष उत्पादन 107.7 मिलियन टन रहा था. भारतीय खाद्य निगम (FCI) के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक के मीना का कहना है कि कृषि मंत्रालय ने अनौपचारिक रूप से इस बात के संकेत दिए हैं कि इस साल गेहूं के कुल रकबे में बढ़ोतरी होगी और अगर मौसम अनुकूल रहा तो उत्पादन रिकॉर्ड 114 मिलियन टन हो सकता है.
उनका कहना है कि कुछ राज्यों में गेहूं की बुआई हल्की पिछड़ी हुई है, लेकिन वहां जनवरी के पहले हफ्ते में रकबा बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अगर उत्पादन का आंकड़ा यही रहता है तो अगले साल के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के लिए जरूरी अतिरिक्त स्टॉक खरीद पाएंगे. एफसीआई मुखिया के मुताबिक खुले बाजार में गेहूं की बिक्री की वजह से कीमतों में स्थिरता है और बीते साल की तुलना में ज्यादा नहीं है. उन्होंने कहा कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बीते साल की तुलना में 7 फीसद ज्यादा है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि बहुत से किसान अपनी उपज को एफसीआई को देने के इच्छुक होंगे.
बीते साल एफसीआई की गेहूं खरीद 26.2 मिलियन टन थी, जो कि 18.4 मिलियन टन की सालाना बफर जरूरत से ज्यादा है. गौरतलब है कि एफसीआई केंद्रीय नोडल एजेंसी है जो किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चावल और गेहूं की खरीद करती है और राशन की दुकानों के जरिए 81 करोड़ गरीबों को मुफ्त में वितरित करती है. इसके अलावा घरेलू बाजार में सप्लाई बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए OMSS के जरिए सरप्लस अनाज बाजार में उतारती है.
Published - January 3, 2024, 05:35 IST
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