हाल में हुई बारिश से फसल की कटाई में देरी हो रही है जिससे बाजार में फसल की कम आवक की वजह से भारतीय खाद्य निगम यानी FCI के द्वारा गेहूं की खरीद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर बोनस देने का ऐलान किया है. ऐसे में व्यापारी और स्टॉकिस्ट बेंचमार्क के आस-पास गेहूं की खरीद के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर रुख कर सकते हैं.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश ने 1 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू करने पर सहमति जताई थी, जबकि राजस्थान 10 मार्च से खरीद शुरू करने के लिए सहमत हुआ था. हालांकि अभी तक गेहूं की की खरीद नहीं हुई है. हालांकि मध्य प्रदेश ने पहले 22 मार्च से खरीद शुरू होने की सूचना जारी की थी लेकिन अब वहां 15 मार्च से खरीद शुरू होने की संभावना है. दरअसल, मध्य प्रदेश की मंडियों में रबी फसल की आवक शुरू हो चुकी है. बता दें कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वह 1 अप्रैल से शुरू होने वाले खरीद सीजन में एक महीने पहले खरीद शुरू करके 30-32 मिलियन टन गेहूं खरीद की योजना बना रही है. हालांकि हाल की बारिश की वजह से गेहूं की आवक में देरी हो गई है.
कारोबारियों और मिलों का कहना है कि अप्रैल के पहले हफ्ते से अधिकतर राज्यों में गेहूं की आवक शुरू हो जाएगी. हालांकि 25 मार्च के बाद राजस्थान में गेहूं की आवक की रफ्तार बढ़ने की संभावना है. कृषि मंत्रालय ने इस साल गेहूं का उत्पादन 112.03 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है. आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 35.48 मिलियन टन, मध्य प्रदेश में 23.48 मिलियन टन, पंजाब में 16.13 मिलियन टन, हरियाणा में 11.21 मिलियन टन, राजस्थान में 10.42 मिलियन टन और बिहार में 6.33 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है. पिछले साल की तुलना में राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में गेहूं के उत्पादन में कमी का अनुमान है, जबकि प्रमुख उत्पादक राज्यों में से अन्य राज्यों में ज्यादा उत्पादन होने का अनुमान है.