त्योहारी सीजन में आटे और गेहूं की महंगाई को कम करने के लिए सरकार ने भारत ब्रांड के तहत बेचे जाने वाले आटे की कीमतों में 2 रुपए प्रति किलो की कटौती का फैसला किया है. अब कीमतें घटकर 27.50 रुपए प्रति किलो होंगी. इसके लिए सरकार अपने केंद्रीय पूल से केंद्रीय भंडार, नैफेड और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड यानी NCCF को करीब ढाई लाख टन गेहूं की सप्लाई करेगी और अर्ध-सरकारी और सहकारी मिले गेहूं की पिसाई के बाद आटे की पैकिंग करेंगी. बता दें कि सरकार का यह निर्णय इस साल गेहूं के आटे का औसत दाम 4.1 फीसद बढ़कर 35.84 प्रति किलोग्राम होने के बाद आया है.
इस बीच गेहूं की महंगाई को कम करने के लिए सरकार की तरफ से अबतक खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं की बिक्री भी की जा चुकी है और अगले मार्च तक खुले बाजार में अतिरिक्त करीब 100 लाख टन गेहूं बिक्री का लक्ष्य भी तय किया गया है. गेहूं की सप्लाई हमेशा की तरह 21.50 रुपये प्रति किलोग्राम पर की जाएगी और आटा पीसने और पैकेजिंग तक इन एजेंसियों का मार्जिन 5 रुपये प्रति किलोग्राम पर सीमित रहेगा. सामान्तया 2,500-3,000 टन की मासिक मिलिंग क्षमता वाली बड़ी मिलों के लिए गेहूं को आटे में बदलने की लागत करीब 1.80 रुपए प्रति किलोग्राम और छोटी मिलों के लिए 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम होती है.
बता दें कि सरकार ने इस साल फरवरी में महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई से केंद्रीय भंडार, नैफेड और एनसीसीएफ को 3,00,000 टन गेहूं की सप्लाई के साथ पिसाई के बाद आटा को भारत ब्रांड के तहत आटा को 29.50 रुपए प्रति किलोग्राम पर बिक्री की योजना का ऐलान किया था.