पोस्ट मानसून सीजन के दौरान अबतक हुई कम बरसात की भरपाई दिसंबर में हो सकती है. मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए अनुमान के मुताबिक दिसंबर के दौरान देशभर में औसत के मुकाबले ज्यादा बरसात हो सकती है. हालांकि बरसात के बावजूद न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य के मुकाबले ज्यादा रहने का अनुमान है. मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि दिसंबर से फरवरी के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है.
मौसम विभाग ने कहा है कि दिसंबर के दौरान देशभर में औसत से 21 फीसद अधिक बरसात होने की संभावना है. उत्तर पश्चिम भारत और उससे लगते मध्य भारत के हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बरसात का अनुमान लगाया गया है. दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में भी दिसंबर के दौरान सामान्य से अधिक बरसात का अनुमान है, हालांकि अधिकतर दक्षिण प्रायद्वीप में दिसंबर के दौरान औसत बरसात का अनुमान लगाया गया है. मौसम विभाग का यह भी कहना है कि दिसंबर के दौरान पूर्वोत्तर, उत्तरी प्रायद्वीप और उससे लगते मध्य भारत के हिस्सों में सामान्य से कम बरसात हो सकती है.
अबतक बीते पोस्ट मानसून सीजन के दौरान देशभर में औसत के मुकाबले 17 फीसद कम बरसात हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक 1 अक्टूबर से 1 दिसंबर के दौरान देशभर में औसतन 88 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान 105.6 मिलीमीटर बरसात होती है.
तापमान को लेकर मौसम विभाग ने कहा है कि दिसंबर के दौरान देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य के मुकाबले अधिक रहेगा, इसी तरह दिसंबर से फरवरी तक भी अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. सिर्फ न्यूनतम ही नहीं बल्कि दिसंबर से फरवरी के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान भी सामान्य के मुकाबले ज्यादा रहने की भविष्यवाणी की गई है.
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल उत्तर, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में शीत लहरों का दौर सामान्य से कम रहने की संभावना है. रबी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में कम तापमान मददगार होता है. ऐसे में तापमान को लेकर मौसम विभाग की भविष्यवाणी ने रबी फसलों को लेकर आशंका बढ़ा दी है. रबी की खेती पहले ही कम है, ऐसे में मौसम फसल के अनुकूल नहीं रहा तो फसलों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है.