चीनी उद्योग निकाय इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानी इस्मा ने चीनी के उत्पादन अनुमान को 9.5 लाख टन बढ़ा दिया है. इस्मा ने सितंबर में खत्म होने वाले विपणन वर्ष में चीनी के सकल उत्पादन अनुमान को बढ़ाकर 340 लाख टन कर दिया है. जनवरी में इस्मा ने 2023-24 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में एथेनॉल के लिए बगैर किसी डायवर्जन के चीनी उत्पादन 330.5 लाख टन होने का अनुमान जताया था. पिछले साल चीनी का सकल उत्पादन 366.2 लाख टन था.
उत्तर प्रदेश में गन्ने की उपलब्धता अनुमान से कम
इस्मा की कार्यकारी समिति ने 12 मार्च की अपनी बैठक में चीनी रिकवरी, गन्ने की उपज और विभिन्न राज्यों में कारखानों को बंद करने की संभावित तारीखों पर चर्चा की थी. समिति ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता उम्मीद से ज्यादा रहने का अनुमान जताया है. हालांकि एक अन्य प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ने की उपलब्धता पहले के अनुमान से कम होने का अनुमान है. यही वजह है कि ISMA ने 2023-24 के लिए अपने अखिल भारतीय चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित करते हुए (एथेनॉल में डायवर्जन से पहले) 340 लाख टन कर दिया है, जबकि जनवरी 2024 में जारी इसका पिछला अनुमान 330.5 लाख टन था.
सिर्फ 17 लाख टन चीनी के डायवर्जन की अनुमति
गन्ने के रस और बी-हैवी मोलासिस से एथेनॉल बनाने के लिए 38 लाख टन स्वीटनर के उपयोग के साथ विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान चीनी का शुद्ध उत्पादन 328.2 लाख टन दर्ज किया गया था. मौजूदा विपणन वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने अभी तक गन्ने के रस/बी-हैवी मोलासिस के जरिए एथेनॉल उत्पादन के लिए सिर्फ 17 लाख टन चीनी के डायवर्जन की अनुमति दी है. इसका मतलब है कि चीनी का शुद्ध उत्पादन 323 लाख टन रह सकता है. 29 फरवरी तक देशभर में 255.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है. इस्मा के बयान के मुताबिक मौजूदा समय में देश में अभी भी 466 चीनी मिलों का परिचालन हो रहा है.
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