चीनी मिलों ने चालू विपणन सत्र के पहले 6 महीने (अक्टूबर-मार्च) में गन्ना किसानों को 78,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी है. चीनी विपणन सत्र अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. उन्होंने कहा कि जहां सत्र अब भी जारी है तो मिलों ने 2023-24 सत्र में 31 मार्च तक कुल 90,000 करोड़ रुपये के गन्ना भुगतान का 87 फीसद चुका दिया है. मिलों ने इस सत्र में अब तक 300 लाख टन से ज्यादा चीनी का उत्पादन कर दिया है.
अधिकारी ने कहा कि चीनी सत्र 2023-24 की अक्टूबर-मार्च अवधि के लिए 90,000 करोड़ रुपये के मुकाबले मिलें 78,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी हैं. गन्ने का भुगतान वसूली दर के आधार पर 2023-24 के विपणन सत्र के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित 315 रुपये प्रति क्विंटल के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के आधार पर किया जाता है. अधिकारी ने कहा कि चीनी मिलों ने 2022-23 सत्र के कुल 1.15 लाख करोड़ रुपये के गन्ना बकाया के 99.7 प्रतिशत का भुगतान कर दिया है. चीनी सत्र 2022-23 से पहले का गन्ना बकाया, अदालतों में लंबित बकाया को छोड़कर, लगभग चुका दिया गया है.
बता दें कि चीनी व्यापार निकाय अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ यानी AISTA ने 2023-24 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के लिए देश के चीनी उत्पादन अनुमान को 4,00,000 टन बढ़ाकर 3.2 करोड़ टन कर दिया है. संगठन ने कहा है कि अनुमानित शुद्ध घरेलू चीनी उत्पादन में एथेनॉल उत्पादन के लिए सुक्रोज का उपयोग शामिल नहीं है. संगठन का कहना है कि 3.2 करोड़ टन के अनुमानित चीनी उत्पादन और 57 लाख टन के शुरुआती स्टॉक के साथ, देश में चीनी की उपलब्धता 3 करोड़ 77 लाख टन होने का अनुमान है, जो कि अनुमानित घरेलू खपत 2.9 करोड़ टन से ज्यादा है. पिछले 2022-23 सत्र में चीनी का उत्पादन 3.29 करोड़ टन था.