1 अक्टूबर से शुरू होने वाले खरीफ मार्केटिंग सीजन 2023-24 में 31 मार्च तक चावल की सरकारी खरीद 454.4 लाख टन दर्ज की गई है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 7.3 फीसद कम है. खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में 490 लाख टन चावल की सरकारी खरीद हुई थी. हालांकि छत्तीसगढ़ में चावल की सरकारी खरीद पिछले साल की तुलना में 83 लाख टन दर्ज की गई है, जो कि राज्य में 78.2 लाख टन के उत्पादन अनुमान से ज्यादा है. छत्तीसगढ़ में 4 फरवरी को चावल की खरीद बंद हो गई थी. पिछले साल की समान अवधि में छत्तीसगढ़ में चावल की सरकारी खरीद 58.7 लाख टन हुई थी.
खरीफ चावल की खरीद का लक्ष्य 525 लाख टन
गौरतलब है कि खरीफ चावल की सरकारी खरीद का लक्ष्य 525 लाख टन है. चावल की सरकारी खरीद झारखंड में 30 अप्रैल, पश्चिम बंगाल में 31 मई और असम में 30 जून तक जारी रहेगी. सरकार को 40-50 लाख टन और चावल की खरीद की उम्मीद है. जानकारों का कहना है कि अगर पश्चिम बंगाल में चावल की सरकारी खरीद में तेजी आती है तो यह आंकड़ा हासिल हो सकता है. पिछले साल की तुलना में पश्चिम बंगाल में 7.8 लाख टन चावल की खरीद दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल राज्य में 20 लाख टन चावल की सरकार खरीद हुई थी.
बता दें कि पंजाब, हरियाणा और अन्य उत्तरी राज्यों में चावल की सरकारी खरीद दिसंबर में पूरी हो चुकी है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी और पूर्वी यूपी में 29 फरवरी को खत्म हुई थी. FCI ने पंजाब में 124.1 लाख टन चावल की खरीद की है, जो कि एक साल पहले के 121.9 लाख टन से 2 फीसद ज्यादा है. हरियाणा में 39.4 लाख टन चावल की खरीद दर्ज की गई है, जबकि 2022-23 में 39.5 लाख टन खरीद हुई थी. उत्तर प्रदेश में सरकार ने पिछले साल की तुलना में 36.1 लाख टन चावल की खरीद की है, जबकि एक साल पहले 43.9 लाख टन चावल की खरीद हुई थी.