पहली अक्टूबर से शुरू हुए चावल खरीद वर्ष 2023-24 के लिए अबतक हुई चावल खरीद पिछले साल के मुकाबले करीब 7 फीसद पीछे है. 5 मार्च तक कुल 441.5 लाख टन चावल की खरीद हुई है. पिछले साल इस दौरान 475.5 लाख टन चावल की खरीद हुई थी. सरकार ने इस साल खरीफ सीजन में 11.14 करोड़ टन चावल उत्पादन का अनुमान लगाया है. आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 4 फरवरी तक 74 लाख टन चावल की खरीद हुई थी, जबकि पिछले साल इस अवधि तक 58.6 लाख टन खरीद हुई थी. छत्तीसगढ़ में चावल की खरीद 4 फरवरी को बंद हो चुकी है.
सरकार ने खरीफ चावल का खरीद लक्ष्य बढ़ाया
मध्य प्रदेश में चावल की खरीद 28.2 लाख टन के साथ बंद हो चुकी है, जबकि पिछले साल राज्य में 30.9 लाख टन चावल की खरीदारी हुई थी. बता दें कि भारतीय खाद्य निगम यानी FCI को सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं को चलाने के लिए सालाना लगभग 410 लाख टन चावल की जरूरत होती है. केंद्र सरकार को 31 दिसंबर तक 14 फीसद की कमी को पूरा करने के लिए जनवरी-मार्च में अच्छी मात्रा में चावल खरीद का भरोसा था. मौजूदा खरीद को देखते हुए सरकार ने सरकार ने अब खरीफ चावल की खरीद लक्ष्य को 521.3 लाख टन से थोड़ा बढ़ाकर 534.3 लाख टन कर दिया है.
सरकार ने 2022-23 में खरीफ, रबी और जायद सीजन से कुल 568.7 लाख टन चावल की खरीद की थी. कृषि मंत्रालय ने पिछले हफ्ते 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए फसल उत्पादन अनुमान जारी किया था. उत्पादन अनुमान के मुताबिक 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) खरीफ और रबी दोनों सीजन में चावल का कुल उत्पादन 2022-23 की तुलना में 1 फीसद कम होकर 12.38 करोड़ टन होने का अनुमान है. 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के दौरान खरीफ और रबी चावल का उत्पादन 12.55 करोड़ टन दर्ज किया गया था.