वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि लाल सागर में समस्याओं के कारण चावल निर्यात प्रभावित हुआ है. हालांकि, दिसंबर का निर्यात आंकड़ा आने के बाद ही स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी. यमन स्थित हूती आतंकवादियों के हालिया हमलों के कारण लाल सागर और भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य के आसपास की स्थिति खराब हो गई है.
भारत के निर्यात पर लाल सागर की समस्या के प्रभाव के बारे में मंत्री ने कहा कि अभी तक हमने कोई तत्काल प्रभाव नहीं देखा है. एक उद्योग जो प्रभावित हुआ है, मुझे बताया गया है कि वह चावल निर्यात है, लेकिन दिसंबर के आंकड़ों के बाद अधिक विवरण का पता चलेगा. वैश्विक कंटेनर यातायात के 30 प्रतिशत के लिए महत्वपूर्ण इस जलडमरूमध्य में वर्ष 2023 में विभिन्न घटनाओं के साथ तनाव बढ़ गया है, जिसमें क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों द्वारा हमले और सैन्य युद्धाभ्यास शामिल हैं.
बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य, जिसे अरबी में ‘आंसू का द्वार’ भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है जो लाल सागर और स्वेज़ नहर के माध्यम से भूमध्य सागर और हिंद महासागर को जोड़ता है. यह अफ़्रीका को अरब प्रायद्वीप से अलग करता है. निर्यातकों के मुताबिक लाल सागर में संघर्ष बढ़ने पर मिस्र और यूरोपीय देशों को भारत की बासमती चावल निर्यात की खेप प्रभावित हो सकती है.