देश में रबी फसलों की खेती में आई गिरावट के बावजूद सरकार को पूरी उम्मीद है कि इस साल रबी फसलों का उत्पादन ठीक ठाक रहेगा. एक समाचार पत्र की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वे राज्यों के साथ संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि गेहूं और दूसरी रबी फसलों की खेती में गिरावट न आए. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस साल फसल ठीकठाक होगी. हालांकि खेती के आंकड़े देखें तो 15 दिसंबर तक खेती पिछले साल के मुकाबले करीब 30 लाख हेक्टेयर पिछड़ी हुई है. गेहूं और चने की खेती पर सबसे ज्यादा मार पार पड़ी हुई है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों खासकर कर्नाटक और तमिलनाडु की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है. गौरतलब है कि कर्नाटक में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता नहीं होने से स्थिति नाजुक है. वहीं दो हफ्ते पहले आए चक्रवात मिचौंग से तमिलनाडु की स्थिति गंभीर है और इसके अलावा इस हफ्ते दक्षिणी जिलों में हुई भारी बारिश से भी तमिलनाडु काफी प्रभावित हुआ है.
हालांकि प्रमुख शीतकालीन फसल उत्पादक राज्यों ने पहले ही जानकारी दे दी है कि गेहूं की बुआई को लेकर चिंता की बात नहीं है. दरअसल, चालू रबी सीजन में 15 दिसंबर तक 307.32 लाख हेक्टेयर के सामान्य क्षेत्र में से 92 फीसद से ज्यादा क्षेत्रफल में खेती पूरी हो चुकी है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक गेहूं की बुआई पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 284.15 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3 फीसद कम है. एक साल पहले इस समय तक गेहूं का रकबा 293.01 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था. पिछले साल गेहूं का कुल रकबा 343.23 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था, जो कि 2021 से थोड़ा ज्यादा था.