आलू का रिटेल (Potato Price) भाव महीनेभर में करीब 10 फीसद बढ़ गया है, जबकि सालाना आधार पर दाम में 32 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है. कम उत्पादन की आशंका की वजह से आलू की कीमतों में उछाल दर्ज किया जा रहा है. पिछले साल नवंबर के दौरान अनियमित बारिश से फसल को हुए नुकसान के कारण आलू की यील्ड में गिरावट का अनुमान है. आलू कारोबारियों का कहना है कि दो प्रमुख आलू उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में आलू के उत्पादन में गिरावट आ सकती है.
सालाना आधार पर 33.18 फीसद की बढ़ोतरी
बता दें कि शनिवार को आलू का थोक भाव 1,944 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था. आलू की थोक कीमतों में मासिक आधार पर 11.44 फीसद और सालाना आधार पर 33.18 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आलू कारोबारियों का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज में आलू की लोडिंग में 10 से 12 फीसद कम रहने की जानकारी मिल रही है. उन्होंने कहा कि कम उत्पादन अनुमान की वजह से किसान अपने स्टॉक को तुरंत निकालने के लिए तैयार नहीं हैं. दरअसल, किसानों को आलू के दाम में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है और यही वजह है कि वे अभी इंतजार कर रहे हैं.
कृषि मंत्रालय का अग्रिम अनुमान
कारोबारियों के मुताबिक इस साल आलू की पैदावार कम होने की उम्मीद में आलू के दाम ऊंचे स्तर पर बना रहने की आशंका है. बता दें कि इस साल की शुरुआत में जारी 2023-24 के लिए कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2023-24 में आलू का उत्पादन पिछले साल के करीब 60.14 मिलियन टन से गिरकर करीब 58.99 मिलियन टन होने का अनुमान है. गौरतलब है कि नवंबर में देर से हुई बारिश की वजह से नई बोई गई फसलों को नुकसान पहुंचा था, जिससे किसानों को दिसंबर में दोबारा रोपाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.