सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) को विभिन्न देशों में लगभग नौ लाख टन टूटे हुए चावल और लगभग 35,000 टन गेहूं एवं गेहूं उत्पादों के निर्यात की अनुमति दी है. हाल में राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार सरकार ने 34,736 टन गेहूं और गेहूं उत्पादों तथा 8,98,804 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी है.
कुल गेहूं और गेहूं उत्पादों के निर्यात में से एनसीईएल को इस वर्ष भूटान को 15,226 टन मैदा/सूजी, 14,184 टन गेहूं, 5,326 टन गेहूं आटा और 48,804 टन टूटे चावल निर्यात करने की अनुमति दी गई है. अधिसूचना में कहा गया है कि टूटे हुए चावल के मामले में, सहकारी समिति को छह महीने में सेनेगल को पांच लाख टन और गाम्बिया को 50,000 टन अनाज निर्यात करने की अनुमति दी गई है.
एनसीईएल को इंडोनेशिया को लगभग दो लाख टन टूटे हुए चावल और माली को एक लाख टन चावल निर्यात करने की अनुमति दी गई है. भारत ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उपाय के रूप में पिछले साल से गेहूं और टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि कुछ निर्यात को सरकार के स्तर के आधार पर अनुमति दी गई है.