Milk Production: गर्मियों में दूध उत्पादन कम होने से दूध की कीमतें हर साल बढ़ जाती हैं, लेकिन इस साल हालत बदतर हो सकते हैं. डेयरी पशुओं में पानी की कमी होने के चलते इस साल दूध की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं. देश के कई राज्यों में अभी से भीषण गर्मी शुरू हो गई है, और गर्मी का असर इंसान के साथ-साथ मवेशियों के ऊपर भी दिखने लगा है.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल प्रचंड गर्मी और कई बांधों के सूखने से डेयरी पशुओं को पानी की दिक्कत आ सकती है. गाय-भैंस में पानी की कमी होने से उनकी दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है. दरअसल, पशुओं को लू लगने का खतरा बना रहता है साथ ही अधिक तापमान का असर दूध देने वाली मवेशियों पर होता है और उनके दूध देने की क्षमता कम हो जाती है. उत्पादन कम होने से इस साल दूध की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं.
बढ़ेंगी दूध की कीमतें?
हालांकि दूध के व्यापारियों का कहना है कि 6.5% फैट वाले कच्चे दूध पिछले साल के 47-48 रुपए प्रति लीटर की तुलना में इस साल 57-58 रुपये प्रति लीटर के भाव से बेचा जा रहा है. उपभोक्ता मामले के विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि रविवार को अखिल भारतीय औसत खुदरा और थोक मूल्य में अंतर दिखा है. औसत खुदरा मूल्य 56 रुपए प्रति लीटर की तुलना में रविवार को 57.6 रुपए प्रति लीटर और थोक कीमत 5,233 रुपए प्रति किलोलीटर से बढ़ कर 5,420.7 प्रति किलोलीटर पर पहुंच गई. अनुमान है कि भारत ने FY24 में 240-245 मिलियन टन (mt) दूध का उत्पादन किया है, जो इसके एक साल पहले से करीब 4-5 फीसद ज्यादा है.
औसत से ऊपर जा सकता है तापमान!
दरअसल, इस साल गर्मी में महाराष्ट्र, ओडिशा और दक्षिणी राज्यों में प्रचंड गर्मी का अनुमान लगाया जा रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल इन राज्यों में औसत से ऊपर तापमान दिख सकता है और जल भंडार के स्तर में गिरावट हो सकती है.
जलाशयों में पानी का स्तर कम होने से जानवरों के पीने के पानी में भी कमी देखी जा सकती है, जिससे पैदावार प्रभावित होने की उम्मीद है. ऐसे में, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में दूध उत्पादन कम हो सकता है. बढ़ते तापमान को देखते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा पशुओं को लू से बचाने के लिए सरकार की तरफ से एडवाइजरी भी जारी की जाने लगी है.
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