चीनी उद्योग ने केंद्र सरकार से 10 लाख टन चीनी निर्यात के लिए गुहार लगाई है. देश में खपत की तुलना में उत्पादन ज्यादा होने और क्लोजिंग स्टॉक को देखते हुए चीनी उद्योग ने सरकार ने निर्यात में छूट देने के लिए सरकार से गुहार लगाई है.
गौरतलब है कि इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन यानी ISMA के आंकड़ों के मुताबिक चालू शुगर सीजन 2023-24 में 30 मार्च 2024 तक चीनी का उत्पादन 302.02 लाख टन तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में चीनी उत्पादन 300.77 लाख टन हुआ था. इस्मा के मुताबिक मार्च के अंत तक देशभर में 322 चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई बंद कर दी है, जबकि पिछले साल इस दौरान 346 मिलों ने परिचालन बंद कर दिया था.
चीनी उत्पादन का अनुमान बढ़ाया
गौरतलब है कि ISMA ने 2023-24 के लिए अपने अखिल भारतीय चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित करते हुए (एथेनॉल में डायवर्जन से पहले) 340 लाख टन कर दिया है, जबकि जनवरी 2024 में जारी इसका पिछला अनुमान 330.5 लाख टन था. गन्ने के रस और बी-हैवी मोलासिस से एथेनॉल बनाने के लिए 38 लाख टन स्वीटनर के उपयोग के साथ विपणन वर्ष 2022-23 के दौरान चीनी का शुद्ध उत्पादन 328.2 लाख टन दर्ज किया गया था.
91 लाख टन क्लोजिंग स्टॉक का अनुमान
मौजूदा विपणन वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने अभी तक गन्ने के रस/बी-हैवी मोलासिस के जरिए एथेनॉल उत्पादन के लिए सिर्फ 17 लाख टन चीनी के डायवर्जन की अनुमति दी है. इसका मतलब है कि चीनी का शुद्ध उत्पादन 323 लाख टन रह सकता है. उद्योग संगठन इस्मा के उत्पादन और खपत के आंकड़ों को देखें तो सीजन के आखिर तक चीनी का 91 लाख टन क्लोजिंग स्टॉक का अनुमान लगाया जा सकता है. बता दें कि अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ यानी AISTA ने 2023-24 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के लिए देश के चीनी उत्पादन अनुमान को 4,00,000 टन बढ़ाकर 3.2 करोड़ टन कर दिया है.