रोबस्टा कॉफी की अधिक मांग के कारण इस साल जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान भारत से कॉफी निर्यात 13.35 फीसद बढ़कर 1,25,631 टन हो गया है. सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. वर्ष 2023 की समान अवधि में देश ने 1,10,830 टन कॉफी का निर्यात किया था. एशिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश भारत कॉफी की अरेबिका और रोबस्टा किस्में उगाता है. अरेबिका कॉफी बीन में रोबस्टा की तुलना में कैफीन की मात्रा कम होती है. अरेबिका का स्वाद मीठा और चिकना होता है, जबकि रोबस्टा आमतौर पर अधिक कड़वा और स्वाद में कठोर होता है.
भारतीय कॉफी बोर्ड के ताजा आंकड़ों के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली तिमाही में रोबस्टा कॉफी बीन का निर्यात 18 फीसद बढ़कर 69,637 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 59,050 टन था. हालांकि उक्त अवधि में अरेबिका कॉफी बीन का निर्यात 15,468 टन से घटकर 13,419 टन रह गया. इस साल जनवरी-मार्च के दौरान इंस्टेंट कॉफी का निर्यात बढ़कर 16,218 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 15,238 टन था, जबकि कॉफी का पुनः निर्यात भी उक्त अवधि में 20,952 टन से बढ़कर 26,239 टन हो गया.
मूल्य के संदर्भ में, वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान कुल कॉफी निर्यात 3,644 करोड़ रुपये का हुआ, जो कि एक साल पहले की समान अवधि के 2,604.44 करोड़ रुपये के आंकड़े से अधिक है. कॉफी निर्यात पर प्राप्ति 2,90,057 रुपये प्रति टन रही. इटली, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी और तुर्की भारत के लिए प्रमुख कॉफी निर्यात गंतव्य हैं. फूल खिलने के बाद के अपने अनुमान में, बोर्ड ने विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए देश का कुल कॉफी उत्पादन 3,74,200 टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष के 3,52,000 टन के वास्तविक उत्पादन से अधिक है. पूरे कैलेंडर वर्ष 2023 में भारत का कॉफी निर्यात 5.4 प्रतिशत घटकर 3.77 लाख टन रह गया था.