देश में दालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने मटर के आयात पर लगने वाली ड्यूटी को अस्थायी तौर पर हटा दिया है. सरकार ने गुरुवार शाम को ड्यूटी हटाने की अधिसूचना जारी कर दी है. सरकार के इस कदम के बाद 10 साल बाद देश में शुल्क मुक्त पीली मटर का आयात होगा. सरकार ने पीली मटर के आयात को पूरी तरह से शुल्क मुक्त कर दिया है. अभी तक पीली मटर के आयात पर 50 फीसद की ड्यूटी लगती है जिसे अब शून्य कर दिया गया है.
सरकार का यह फैसला 8 दिसम्बर 2023 से लागू होगा और 31 मार्च 2024 तक प्रभावी रहेगा. सरकार ने देश में दाल की सप्लाई बढ़ाने और कीमतों पर लगाम लगाने के मकसद से यह फैसला लिया है. बता दें कि इससे पहले सरकार मसूर और तुअर पर लगी इंपोर्ट ड्यूटी को 31 मार्च 2024 तक के लिए खत्म कर चुकी है. वहीं उड़द का शुल्क मुक्त आयात किया जा रहा है. मटर का आयात शुल्क मुक्त होने से चना समेत अन्य दलहनों की खपत पर दबाव कम होने की उम्मीद है. भारत में आयात होने वाला अधिकतर मटर कनाडा से आता है और आयात शुल्क हटने की वजह से भारत में कनाडा से मटर आयात बढ़ सकता है. हालांकि इस साल कनाडा में भी उत्पादन कम होने की आशंका है और वहां भाव बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है.
कनाडा के कृषि विभाग के मुताबिक वर्ष 2023-24 में कनाडा में मटर का उत्पादन 34 फीसद घटकर 2.3 मिलियन टन होने का अनुमान है. मटर की यील्ड में गिरावट की वजह से उत्पादन में कमी की आशंका है. कृषि विभाग के मुताबिक कनाडा के सस्केचेवान क्षेत्र में 51 फीसद हिस्से में मटर की खेती की जाती है और इस इलाके में मटर की फसल की यील्ड में व्यापक स्तर पर गिरावट की आशंका है. पीली मटर का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 2.0 मिलियन टन कम होने का अनुमान है और हरी मटर का उत्पादन गिरकर 0.25 मिलियन टन होने का अनुमान है.
अन्य बची हुई सूखी मटर की किस्मों का उत्पादन भी कम होकर 55 हजार टन होने का अनुमान है. पिछले साल के बकाया स्टॉक की वजह से मटर की सप्लाई पिछले साल के 2.8 मिलियन टन की तुलना में 26 फीसद कम रहने का अनुमान है. वर्ष 2023-24 में मटर का निर्यात घटकर 1.9 मिलियन टन होने का अनुमान है. हाजिर बाजार में तेजी की वजह से 2022-23 की तुलना में मटर का औसत भाव 5 फीसद बढ़कर 420 डॉलर प्रति टन होने का अनुमान है.