सरकार 10 राज्यों में कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस साल अप्रैल में शुरू की गई पायलट प्रोजेक्ट को मार्च 2024 से आगे एक साल तक बढ़ा सकती है. इन दस राज्यों में कपास का उत्पादन 20-25 फीसद बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. बता दें कि इन राज्यों में कपास उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान ऐसे समय में लगाया जा रहा है जब अखिल भारतीय कपास उत्पादन में गिरावट का रुख है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सर्वोत्तम कृषि विज्ञान प्रथाओं, गुणवत्तापूर्ण बीजों और बुआई के लिए बेहतर प्रणाली अपनाने की वजह से उत्पादन में बढ़ोतरी में योगदान दिया है.
गौरतलब है कि 2023-24 के दौरान कपास का उत्पादन बढ़ाने के लिए यह पायलट प्रोजेक्ट अप्रैल 2023 में मार्च 2024 तक के लिए शुरू की गई थी. इस पायलट प्रोजेक्ट में 10 राज्यों के 15,000 किसानों को शामिल किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट से मिले आंकड़ों के अंतिम परिणाम का विश्लेषण जनवरी के महीने में किया जाएगा. इन आंकड़ों का मूल्यांकन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा किया जाएगा.
कपास उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में यह पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है. पायलट प्रोजेक्ट से उत्पादन में अनुमानित बढ़ोतरी से भारत को अपने कपास निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में मदद मिल सकती है. साथ ही वैश्विक कपास निर्यात बाजारों में भारत की स्थिति मजबूत हो सकती है. मौजूदा समय में भारत को निर्यात के मोर्चे पर बांग्लादेश और वियतनाम जैसे अन्य कपास-निर्यातक देशों से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान भारत से कपास, कपड़े, धागे और हथकरघा उत्पादों के निर्यात में 5.7 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 15 नवंबर को जारी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान 6,877 मिलियन डॉलर का निर्यात दर्ज किया गया था, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 6,509.51 मिलियन डॉलर का था. 10 नवंबर 2023 को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़ों के मुताबिक इस साल सितंबर में टैक्सटाइल उत्पादन में सालाना आधार पर 3.7 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि अगस्त में उत्पादन 1.6 फीसद बढ़ा था.