केंद्र सरकार ने परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम (FCI) की अधिकृत पूंजी 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 21,000 करोड़ रुपए कर दी है. खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी साझा की है. एफसीआई केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी है जो किसानों के हितों की रक्षा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खाद्यान्न की खरीद करता है. यह रणनीतिक भंडारण भी बनाए रखता है और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत अनाज वितरित करता है.
मंत्रालय ने बयान में कहा कि अधिकृत पूंजी में वृद्धि अपने अधिदेश को प्रभावी ढंग से पूरा करने में एफसीआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसमें कहा गया कि एफसीआई कोष की जरूरत को पूरा करने के लिए नकद ऋण, अल्पकालिक ऋण, अर्थोपाय आदि का सहारा लेता है. अधिकृत पूंजी में वृद्धि से ब्याज का बोझ कम होगा, आर्थिक लागत कम होगी और अंततः सरकारी सब्सिडी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
पूंजी के इस प्रवाह के साथ एफसीआई अपनी भंडारण इकाइयों के आधुनिकीकरण, परिवहन नेटवर्क में सुधार और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी काम करेगा. मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ये उपाय फसल के बाद के नुकसान को कम करने और उपभोक्ताओं को खाद्यान्न के कुशल वितरण के लिए जरूरी हैं.
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), देश की खाद्य सुरक्षा के स्तंभ के रूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्न की खरीद, रणनीतिक खाद्यान्न भंडार के रखरखाव, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को वितरण और बाजार में खाद्यान्न की कीमतों का स्थिर रखने सहित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभाता है. अधिकृत पूंजी में वृद्धि और आगे निवेश से ब्याज का बोझ कम होगा, आर्थिक लागत कम होगी और अंततः भारत सरकार की सब्सिडी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. पूंजी के इस प्रवाह के साथ भारतीय खाद्य निगम अपनी भंडारण सुविधाओं का आधुनिकीकरण, परिवहन नेटवर्क में सुधार और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी काम करेगा.