केंद्र सरकार जीएम सरसों की जिस जेनेटिकली मोडिफाइड वैरायटी के कमर्शियल लॉन्च को लेकर प्रयास कर रही है. वह कमर्शियल लॉन्च की कुछ शर्तों पर असफल पाई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक धारा मस्टर्ड हाइब्रिड नाम की जीएम सरसों वैरायटी कमर्शियल लॉन्च के लिए न्यूनतम वजन की शर्त पास नहीं कर पाई है. पिछले रबी सीजन में इस पर हुए ट्रायल के दौरान सरसों के प्रति 1,000 बीजों का वजन 3.5 ग्राम पाया गया है, जबकि कमर्शियल लॉन्च के लिए 4.5 ग्राम वजन होना जरूरी है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने जीएम सरसों के कमर्शियल लॉन्च पर रोक लगाई हुई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा पिछले रबी सीजन में 6 अलग-अलग स्थानों पर किए गए क्षेत्रीय परीक्षणों के परिणामों के अनुसार धारा मस्टर्ड हाइब्रिड यानी डीएमएच-11 की उपज करीब 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और इसमें तेल की मात्रा 40 फीसद है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ताजा मामले को देखते हुए आईसीएआर के 8 स्थानों में से 6 में फील्ड ट्रायल जारी रख सकती है. बता दें कि सरकार इन जगहों पर पहली जीएम सरसों फसल का परीक्षण किया जा रहा था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईसीएआर फील्ड ट्रायल के निष्कर्ष को अटॉर्नी जनरल को सौंप दिए गए हैं. अटॉर्नी जनरल इन निष्कर्षों को 10 अक्टूबर को अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के सामने रख सकते हैं. बता दें कि शीर्ष अदालत जीएम सरसों की मंजूरी पर सुनवाई कर रही है, जिसे जीन कैंपेन और कार्यकर्ता अरुणा रोड्रिग्स ने चुनौती दी है. पिछली सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी सरकार की ओर से दो प्रस्ताव लेकर आई थीं.