दुनिया की तीन वैश्विक एजेंसियों ने फसल वर्ष 2023-24 में भारत में गेहूं का उत्पादन कीब 110 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है. हालांकि वैश्विक एजेंसियों के द्वारा जताया गया अनुमान कृषि मंत्रालय के उत्पादन अनुमान से 2 मिलियन टन कम है. कृषि मंत्रालय ने रिकॉर्ड 112.02 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान जताया है. फिच सॉल्यूशंस की इकाई ग्लोबल रिसर्च एजेंसी बीएमआई ने भारत में 110 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है.
USDA ने 110.6 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान
वहीं अमेरिकी कृषि विभाग यानी USDA ने भारत में 110.6 मिलियन टन और खाद्य एवं कृषि संगठन के एग्रीकल्चरल मार्केट इंफार्मेशन सिस्टम (AMIS) ने भी इतना ही गेहूं उत्पादन का अनुमान जताया है. बता दें कि पिछले साल कृषि मंत्रालय ने 110.55 मिलियन टन और अन्य एजेंसियों ने 107.7 मिलियन टन उत्पादन आंका था. व्यापार और उद्योग देश में गेहूं की बंपर फसल को लेकर आशावादी हैं. बीएमआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक समेत दक्षिणी राज्यों में वर्तमान सूखे की स्थिति में वहां पर गेहूं की फसल को जोखिम कम है. वहीं मार्च 2024 के पहले दो हफ्तों के दौरान उत्तर प्रदेश और अन्य प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में औसत से ज्यादा बारिश फसल के लिए जोखिम उत्पन्न कर रही है.
गेहूं की खपत में बढ़ोतरी का अनुमान
AMIS ने कहा है कि भारत में पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं के लिए परिस्थितियां अनुकूल है. 2022-23 में अनुमानित 1.1 फीसद की सालाना गिरावट के बाद 2023-24 में भारत में घरेलू बाजार में गेहूं की खपत सालाना आधार पर 2.5 फीसद बढ़कर 111.4 मिलियन टन होने का अनुमान है. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद कुमार के मुताबिक उद्योग निकाय द्वारा नियुक्त एजेंसी ने इस साल के लिए 102-104 मिलियन टन ज्यादा गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो कि पिछले साल के बराबर है.