भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने ई-नीलामी के 19वें दौर में बफर स्टॉक से थोक उपभोक्ताओं को 2.87 लाख टन गेहूं बेचा है. सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय खाद्य निगम गेहूं और चावल जैसी प्रमुख वस्तुओं की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 28 जून से साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आटा मिल मालिकों और छोटे व्यापारियों जैसे थोक खरीदारों को केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल बेच रहा है.
एक नवंबर को आयोजित 19वीं ई-नीलामी में बेचे गए गेहूं की मात्रा थोड़ी अधिक रही क्योंकि एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत बोली की मात्रा बढ़ाकर 200 रुपए टन कर दी. खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि इसके चलते ई-नीलामी में 2,389 बोलीदाताओं को 2.87 लाख टन गेहूं बेचा गया है. उचित और औसत गुणवत्ता वाले गेहूं के लिए भारित औसत बिक्री मूल्य 2,291.15 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल था.
ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री 31 मार्च, 2024 तक जारी रहेगी और तबतक करीब 101.5 लाख टन गेहूं मंडियों में उतार दिया जाएगा. व्यापारियों को ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है और स्टॉक की जमाखोरी को रोकने के लिए तीन अक्टूबर तक देशभर में लगभग 1,721 औचक जांच की गई थी.