मानसून सीजन को खत्म हो चुके 12 दिन बीत चुके हैं और 1 अक्टूबर के बाद के बारिश के जो आंकड़े सामने आए हैं वो काफी निराशाजनक हैं. दरअसल, 30 सितंबर को खत्म हुए मानसून सीजन में देशभर में औसत के मुकाबले 6 फीसद कम बरसात हुई है और यह कमी पोस्ट मानसून सीजन में भी जारी है. मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 1 अक्टूबर से 12 अक्टूबर के दौरान देशभर में बरसात में 9 फीसद की कमी दर्ज की जा रही है. इस दौरान देशभर में 36 मिलीमीटर बरसात हुई है जबकि सामान्य तौर पर 39.3 मिलीमीटर बरसात होती है. बारिश कमजोर रहने की वजह से खेतों में नमी कम रहने और देशभर के जलाशयों में पानी का स्तर घटने की वजह से रबी फसलों को लेकर आशंका बढ़ गई है.
मानसून सीजन के बाद भी बारिश कमजोर तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी के जलाशयों में पानी का स्तर उनकी क्षमता के मुकाबले 50 फीसद कम है, जिस वजह से जमीन में नमी का स्तर प्रभावित हो सकता है. मानसून सीजन बीतने के बाद भी दक्षिण भारत में बरसात की कमी का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है. बता दें कि इस साल मानसून सीजन के दौरान बरसात का संतुलन सही नहीं रहा है. जून महीने के दौरान देशभर में औसतन 91 फीसद बरसात दर्ज की गई थी, जबकि जुलाई के दौरान बरसात का आंकड़ा 113 फीसद रहा था. इसके बाद अगस्त में सूखे के हालात पैदा हो गए थे और सिर्फ 64 फीसद बारिश हुई थी, लेकिन सितंबर के दौरान देशभर में फिर से 113 फीसद बरसात हुई. कुल मिलाकर पूरे मानसून सीजन में औसत बारिश 94 फीसद दर्ज की गई थी.
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून सीजन में बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में सामान्य के मुकाबले कम बरसात देखने को मिली थी, जबकि राजस्थान, गुजरात, हिमाचल, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में सामान्य के मुकाबले ज्यादा बरसात दर्ज की गई थी.
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