देश की मंडियों में रबी प्याज की आवक में बढ़ोतरी को देखते हुए किसानों ने 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की है. महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में आवक बढ़ने की वजह से प्याज का भाव घटकर 1,500 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर तक पहुंच गया है. पिछले साल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पहले प्याज का भाव करीब 4,500 रुपए प्रति क्विंटल था. प्याज कारोबारियों का कहना है कि अगले कुछ हफ्ते में प्याज की आवक में और बढ़ोतरी होने पर कीमतों में और गिरावट आ सकती है.
उत्पादन लागत से ज्यादा है भाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हालांकि सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को 31 मार्च 2024 से आगे बढ़ाने पर अभी फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. प्याज किसानों का कहना है कि प्याज का मौजूदा भाव 1,500 रुपए प्रति क्विंटल होने की वजह से उत्पादन की लागत भी नहीं निकल पा रही है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक रबी प्याज की आवक अप्रैल में अपने पीक पर रहने की संभावना है. गौरतलब है कि रबी प्याज की फसल कुल उत्पादन का तकरीबन 60 फीसद है और अक्टूबर तक सप्लाई के लिए इसका भंडारण किया जाता है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 में 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. पिछले साल भाव सितंबर के 30 रुपए प्रति किलोग्राम से दोगुना होकर दिसंबर में 60 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया था. उसी के बाद सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दया था. हाल ही में सरकार की ओर से बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात को क्रमशः 50,000 टन और 14,400 टन प्याज निर्यात की अनुमति दी गई है. निर्यात को हतोत्साहित करने और घरेलू सप्लाई में सुधार के लिए सरकार ने अक्टूबर 2023 में प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP 800 डॉलर प्रति टन तय किया था.