देश के प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर लगातार कम हो रहा है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 9 नवंबर को खत्म हफ्ते के दौरान देश के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर उनकी क्षमता के मुकाबले 70 फीसद से कम रह गया है. वहीं 14 राज्यों के जलाशयों में पानी का स्तर सामान्य से नीचे चला गया है. जलाशयों में घटते पानी का असर रबी की खेती पर पड़ सकता है. खासकर गेहूं, सरसों और चने की खेती प्रभावित हो सकती है. इस बीच शुक्रवार सुबह उत्तर भारत के कई हिस्सों में हल्की बरसात दर्ज की गई है. जो रबी की खेती में मददगार भी हो सकती है. गौरतलब है कि अक्टूबर के दौरान देश के करीब 60 फीसद जिलों में सामान्य के मुकाबले कम बरसात दर्ज की गई थी, जिसकी वजह से जलाशयों में पानी के स्तर में कमी आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक 9 नवंबर तक देश के प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर औसत क्षमता 178.784 बीसीएम के मुकाबले 124.124 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) या 69 फीसद दर्ज किया गया था. बता दें कि पानी का यह स्तर पिछले साल के साथ-साथ पिछले 10 साल के औसत से भी कम है. पिछले सप्ताह पानी का स्तर औसत की तुलना में 71 फीसदी बचा था.
आंकड़ों के मुताबिक जिन 14 राज्यों में जलाशयों में पानी का स्तर सामान्य की तुलना में कम है, उनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में पानी का स्तर चिंताजनक है. बता दें कि गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां जलाशयों में पर्याप्त पानी है और पानी का स्तर सामान्य से 31 फीसद ज्यादा है. देश में 15 जलाशयों में पानी का स्तर औसत की तुलना में 50 फीसद बचा है, जबकि 105 में पानी का स्तर सामान्य की तुलना में 80 फीसद या ज्यादा है.