देश में दालों की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने तुअर और उड़द दाल पर लगी स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है. सरकार की ओर से तुअर और उड़द दाल पर लागू मौजूदा स्टॉक लिमिट को बढ़ा दिया गया है. सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. संशोधित स्टॉक लिमिट तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी है.
थोक कारोबारियों को ज्यादा स्टॉक की इजाजत
थोक कारोबारियों को सरकार की ओर से अब तुअर और उड़द दाल यानी प्रत्येक के लिए 200 टन स्टॉक को रखने की इजाजत दी गई है. तुअर और उड़द दाल के लिए अभी तक 50 टन दाल की स्टॉक लिमिट थी. खुदरा कारोबारियों के लिए स्टॉक सीमा 5 टन बरकरार रखी गई है. बड़ी चेन रिटेलर्स के लिए प्रत्येक रिटेल आउटलेट पर प्रत्येक दाल के लिए स्टॉक लिमिट 5 टन है और डिपो पर प्रत्येक दाल के लिए 200 टन स्टॉक (पूर्व में स्टॉक लिमिट 50 टन थी) लिमिट है.
मिलर्स पिछले तीन महीनों के उत्पादन या सालाना क्षमता का 25 फीसद इनमें जो भी ज्यादा हो, अब दाल का स्टॉक कर सकेंगे. पूर्व में इसको घटाकर 1 महीने का उत्पादन या सालाना क्षमता का 10 फीसद कर दिया गया था. वहीं इंपोर्टर अब सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 60 दिन तक स्टॉक रख सकते हैं, जबकि पहले यह सीमा 30 दिन थी. अगर किसी कारोबारी के पास तय सीमा से ज्यादा दालों का स्टॉक है तो उनको उपभोक्ता मामलों के विभाग के पोर्टल पर सूचित करना होगा कि वे इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिन के भीतर स्टॉक को निर्धारित सीमा तक लाएंगे. इसके अलावा कारोबारियों को विभाग के पोर्टल पर स्टॉक का नियमित जानकारी भी देनी होगी.
स्टॉक लिमिट से दालों की महंगाई पर लगी थी लगाम
गौरतलब है कि सरकार ने दालों की बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए तुअर और उड़द दाल पर स्टॉक लिमिट लगाई थी. सरकार की ओर से सितंबर के महीने में तुअर और उड़द दाल पर स्टॉक लिमिट को घटा दिया गया था. हालांकि सरकार की ओर से अब इस लिमिट को फिर से बढ़ा दिया है. बता दें कि दालों पर लगी स्टॉक लिमिट 30 अक्टूबर तक प्रभावी थी और हाल ही में इसको बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया गया है.