भारतीय कॉटन का भाव वैश्विक खरीदारों को आकर्षक लग रहा है और यही वजह है कि बीते 3 महीने में बांग्लादेश, चीन और वियतनाम जैसे देशों को कॉटन के निर्यात में तेजी दर्ज की गई है. अक्टूबर से शुरू होने वाले कॉटन विपणन सीजन 2023-24 के पहले 5 महीने के दौरान निर्यात 15 लाख गांठ (170 किलोग्राम) दर्ज किया गया था, जो कि पूरे 2022-23 विपणन सीजन के दौरान हुए 15.5 लाख गांठ के निर्यात के आस-पास है.
भाव कम होने से निर्यातकों की मांग में इजाफा
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी सीएआई के प्रेसिडेंट अतुल गनात्रा के मुताबिक निर्यात में बढ़ोतरी को देखते हुए एसोसिएशन को 2023-24 सीजन के लिए अपने निर्यात अनुमान को बढ़ाकर 22 लाख गांठ करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उनका कहना है कि 2023-24 सीजन में कॉटन का निर्यात 25 लाख गांठ के स्तर तक पहुंच सकता है. उनका कहना है कि दिसंबर-फरवरी की अवधि के दौरान अंतर्राष्ट्रीय कीमतों की तुलना में भारतीय कॉटन का भाव करीब 4,000-5,000 रुपए प्रति कैंडी (356 किलोग्राम) कम था और जिसकी वजह से विदेशी खरीदारों का रुझान भारतीय कॉटन की ओर बढ़ा है. जनवरी-फरवरी के दौरान करीब 10 लाख गांठ कॉटन का निर्यात दर्ज किया गया था.
कॉटन उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी
उनका कहना है कि मौजूदा समय में भारतीय कॉटन का भाव अंतर्राष्ट्रीय भाव के आस-पास है और उम्मीद है कि इस महीने 2.5-3 लाख गांठ कॉटन का निर्यात और हो सकता है. सीएआई ने 2023-24 के चालू विपणन सत्र के लिए कॉटन उत्पादन अनुमान को करीब 5 फीसद बढ़ाकर 309.70 लाख गांठ कर दिया है, जबकि जनवरी के आखिर में एसोसिएशन ने 294.10 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान जताया था. उत्पादन अनुमान में संशोधित बढ़ोतरी के बावजूद अक्टूबर से शुरू होने वाले 2023-24 सीजन के लिए उत्पादन का अनुमान अभी भी 2022-23 के 318.9 लाख गांठ उत्पादन से कम है.