महंगे प्याज और टमाटर की वजह से नवंबर में वेज थाली की कीमतें नॉन वेज थाली से ज्यादा बढ़ी हैं. असमान बारिश से खरीफ फसलों के उत्पादन में गिरावट आई है. साथ ही त्योहारी सीजन में सब्जियों की मांग में बढ़ोतरी होने की वजह से शाकाहारी थाली महंगी हुई है. अक्टूबर 2023 के मुकाबले नवंबर में शाकाहारी भोजन की थाली की कीमतों में 10 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. जबकि नॉन वेज थाली की कीमतों में सिर्फ 5 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने रोटी राइस रेट इंडेक्स में यह डेटा जारी किया है.
प्याज-टमाटर ने बिगाड़ा बजट
नवंबर में प्याज की कीमतें 58 फीसद और टमाटर की कीमतें 35 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. क्रिसिल के मुताबिक इन दोनों सब्जियों की वजह से वेज थाली महंगी हुई है. ऐसा पहली बार नहीं है जब सब्जी की महंगाई की वजह से वेज थाली की कीमतें नॉन वेज थाली से ज्यादा बढ़ी हों. इससे पहले अगस्त 2023 में वेज थाली की कीमतों में 24 फीसदी का उछाल देखने को मिला था. जबकि मांसाहारी थाली के दाम केवल 13 फीसद चढ़े थे.
पिछले साल से महंगी थाली
नवंबर 2022 के मुकाबले नवंबर 2023 में शाकाहारी भोजन करने वालों की थाली की लागत 9 फीसद बढ़ी है. पिछले साल की तुलना में इस साल नवंबर में प्याज की कीमतों में 93 फीसदी और टमाटर की कीमतों में 15 फीसदी का उछाल आया है. शाकाहारी थाली की कीमतों में 9 फीसद हिस्सा दाल का होता है. दाल की कीमतों में उछाल की वजह से भी वेज थाली महंगी हुई है. नवंबर 2022 के मुकाबले इस साल नवंबर में दाल की कीमत 21 फीसद बढ़ी है.
चिकन हुआ सस्ता
पिछले साला के मुकाबले इस साल नवंबर में नॉन वेज थाली की कीमतों में जरा भी बदलाव नहीं आया है. चिकन की कीमतों में गिरावट की वजह से नॉन वेज थाली की कीमतें नहीं बढ़ी हैं. नॉन-वेज थाली में 50 फीसदी हिस्सा चिकन का होता है. नॉन-वेज थाली में वहीं चीजें होती हैं जो वेज थाली में होती है. केवल दाल की जगह नॉन-वेज थाली में चिकन को शामिल कर लिया जाता है.