सऊदी अरब और इराक जैसे देशों से मांग निकलने की वजह से चालू वित्त वर्ष की शुरुआती तीन तिमाही में बासमती चावल के निर्यात में डॉलर के संदर्भ में 19 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. शुरुआती तीन तिमाही में 3.97 अरब डॉलर मूल्य के बासमती चावल का निर्यात दर्ज किया गया है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.33 बिलियन डॉलर का बासमती चावल का निर्यात हुआ था.
मात्रा के हिसाब से देखें तो अप्रैल-दिसंबर (2023-24) की अवधि के दौरान बासमती का निर्यात 11 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 3.54 मिलियन टन दर्ज किया गया था, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 3.19 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था. गैर-बासमती चावल का निर्यात 1 साल पहले के 4.66 बिलियन डॉलर के मुकाबले 28 फीसद गिरकर 3.34 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया था. मात्रा के हिसाब से देखें तो अप्रैल-दिसंबर (2023-24) की अवधि के दौरान गैर बासमती चावल का निर्यात लुढ़ककर 8.34 मिलियन टन दर्ज किया गया था, जबकि 1 साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 13.17 मिलियन टन का था.
बता दें कि सरकार निर्यात पर लगे प्रतिबंधों को सीमित करने के लिए चावल की कुछ किस्मों के लिए नए एचएसएन कोड विकसित करने पर विचार कर रही है ताकि उन किस्मों का निर्यात किया जा सके जिनका पारंपरिक रूप से देश में लोग उपभोग नहीं करते हैं. मौजूदा समय में गैर-बासमती सफेद चावल की सभी किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध है. एपीडा के मुताबिक लाल चावल, काले चावल और कालानमक चावल जैसी जीआई (भौगोलिक संकेतक) दर्जे वाले चावल की किस्मों के लिए अलग-अलग एचएसएन कोड पर काम चल रहा है.
अंतरराष्ट्रीय व्यापार की भाषा में प्रत्येक उत्पाद को एचएसएन कोड (हारमोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर) के तहत वर्गीकृत किया जाता है. यह दुनियाभर में वस्तुओं के व्यवस्थित वर्गीकरण में मदद करता है. वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल के मुताबिक गैर-बासमती चावल की करीब 40-50 किस्में हैं. सरकार जब उसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाती है, तो सोना मसूरी, गोविंद भोग, कालानमक या सामान्य सफेद गैर-बासमती चावल जैसी सभी किस्मों का निर्यात बंद हो जाता है.
उनका कहना है कि चावल की कुछ अन्य किस्मों के लिए नया एचएसएन कोड उद्योग की मांग है और इसमें अंतर कैसे करें यह आंतरिक बहस का मुद्दा है. उन्होंने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ऐसा करने की कोई जरूरत है या नहीं क्योंकि एक ओर हम एक देश के तौर पर चावल पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहेंगे, जिसको लेकर कोई चिंता नहीं है. मौजूदा समय में गैर-बासमती चावल के लिए 6 एचएसएन कोड और बासमती चावल के लिए एक कोड है
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