मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की मंडियों में गेहूं की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है. मंडियों में गेहूं का शुरुआती भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है. सोमवार को मध्यप्रदेश की मंडी सीहोर में गेहूं की आवक करीब 12,000 क्विंटल थी और भाव 2,250 रुपये प्रति क्विंटल से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है. सरकार अगले हफ्ते से गुजरात और महाराष्ट्र में गेहूं की खरीद शुरू कर सकती है जबकि मध्य प्रदेश में राज्य की एजेंसियां 22 मार्च से MSP पर गेहूं की खरीद शुरू करेगी.
2016 के बाद FCI का स्टॉक सबसे कम
गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश ने 1 मार्च, राजस्थान ने 10 मार्च और बिहार ने 15 मार्च से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करने की घोषणा की है. केंद्रीय पूल स्टॉक में प्रमुख योगदानकर्ता के तौर पर पंजाब और हरियाणा आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल से खरीद शुरू होंगे. दरअसल, इस साल गेहूं की सरकारी खरीद पर सभी नजरें हैं क्योंकि महीने की शुरुआत में भारतीय खाद्य निगम यानी FCI के पास रखा गेहूं का स्टॉक घटकर 10 मिलियन टन हो गया है, जो कि 2016 के बाद का सबसे निचला स्तर है. घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए खुले बाजार में रिकॉर्ड 9.4 मिलियन टन गेहूं की बिक्री की गई है जिससे FCI के पास स्टॉक में कमी आई है.
सरकार ने 2024-25 विपणन सत्र (अप्रैल-जून) के लिए प्रारंभिक खरीद लक्ष्य करीब 30-32 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है. राजस्थान सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का ऐलान किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश भी गेहूं की खरीद को बढ़ावा देने के लिए MSP पर बोनस की घोषणा कर सकता है. वहीं गेहूं उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और पंजाब में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं की खड़ी फसल पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. गौरतलब है कि कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान में 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है.