आंध्र प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के लिए कानून बनाने की अपनी योजना को स्थगित करने का फैसला किया है. बता दें कि इसमें उल्लंघन करने वालों के लिए भारी जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार इस संबंध में एक संशोधित विधेयक ला सकती है. सरकार ने एमएसपी की गारंटी पर मौजूदा मसौदा विधेयक को स्थगित करने के साथ ही इस पर फिर से काम करने का फैसला किया है.
हालांकि अधिकारियों ने योजना को स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि राज्य के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ मसौदे की सामग्री से सहज नहीं थे और इस पर दोबारा विचार करना चाहते थे. इस विधेयक को विधानसभा के अगले सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद थी. बता दें कि राज्य के कृषि और सहयोग, विपणन और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी ने हाल ही में बयान दिया था कि वह अभी खत्म हुए विधानसभा सत्र में इस विधेयक को लाना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. उनका कहना था कि नए कानून से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसानों को उनके परिश्रम का उचित मूल्य मिले.
गौरतलब है कि मसौदा विधेयक में यह प्रावधान किया गया था कि कोई भी व्यक्ति जो न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे लेनदेन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पहली बार उल्लंघन करने पर 50,000 रुपए का जुर्माने का प्रावधान था, जबकि दूसरी बार कानून का उल्लंघन करने पर 6 महीने तक की कैद या 1 लाख रुपए का जुर्माना या दोनों का प्रावधान था. वहीं नियंत्रण अधिकारी के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर 10,000-50,000 रुपएके बीच जुर्माना और तीन महीने की जेल की सजा का प्रावधान था.
बता दें कि महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों ने एमएसपी की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए विधायी व्यवस्था की है लेकिन उन्होंने इसको बहुत सीमित तरीके से किया है. गौरतलब है कि किसानों की ओर से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की मांग लगातार उठ रही है. मौजूदा समय में सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी सीएसीपी की सिफारिशों के आधार पर 22 फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा करती है. इसके अलावा एक फसल के लिए एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य) घोषित करती है.