देश में वित्तीय धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. फ्रॉड से जुड़े लोग ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं. साइबर सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों के दबाव बढ़ने पर साइबर ठग अपना ठिकाना बदल ले रहे हैं. हरियाणा के नूंह में हाल ही बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है. ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा के लिए आरबीआई ने बैंकों को आगाह किया है. केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा के लिए बैंकों से उन्हें जागरूक करने को कहा है. तमाम बड़े बैंकों ने इस दिशा में अभियान शुरू कर दिया है.
क्या कहती है RBI की रिपोर्ट?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 36,316 करोड़ की कुल बैंकिंग धोखाधड़ी हुई जो इसी अवधि के दौरान वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर 19,485 करोड़ रुपए रह गई. बैंकों के सतर्कता बरतने से यह कमी आई है. हालांकि सिर्फ कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिए होने वाली धोखाधड़ी में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही से वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में 27 करोड़ रुपए का इज़ाफ़ा देखने को मिला. वहीं वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी और कार्ड से हुई धोखाधड़ी के मामलों की कुल संख्या जहां 1,532 थी, ये वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में बढ़कर 2,321 पर पहुंच गई.
क्या कर रहे बैंक?
साइबर वित्तीय धोखाधड़ी से अपने ग्राहकों को बचाने के लिए बैंक इन दिनों जुटे हुए हैं. एसएमएस, ईमेल से लेकर फोन कॉल तक करके ग्राहकों को बताया जा रहा है कि वे किस तरह सुरक्षित रह सकते हैं. निजी क्षेत्र का HDFC बैंक पिछले एक साल के दौरान फ्रॉड अवेयरनेस पर ग्राहकों को 2 करोड़ से ज्यादा एसएमएस टेक्स्ट मैसेज भेजे और 85 लाख ईमेल किए. अन्य बैंक भी इसी तरह की कवायद में जुटे हैं. एचडीएफसी बैंक की ओर से 62,500 से अधिक ग्राहकों को कवर करते हुए धोखाधड़ी जागरूकता और सुरक्षित बैंकिंग पर 5,900 से ज्यादा प्रशिक्षण कार्यक्रम किए गए. इसी तरह की प्रक्रिया अन्य बैंक भी अपना रहे हैं.
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
ग्राहकों को जागरूक करने के लिए आईसीआईसीआई बैंक अपने ग्राहकों को उनके खातों और क्रेडिट कार्ड में हर लेनदेन के लिए ईमेल अलर्ट भेज रहा है. अलर्ट में बैंक ग्राहक से लेन-देन की जांच करने और किसी फ्रॉड की स्थिति में रिपोर्ट करने के लिए भी कहा जाता है. बैंक ने कहा, ‘हर अलर्ट में, हम ग्राहकों को सतर्क रहने के लिए याद दिलाते रहते हैं. उन्हें ओटीपी, पासवर्ड, सीवीवी समेत संवेदनशील और गोपनीय जानकारी किसी को भी साझा नहीं करने के लिए कहते हैं भले ही सामने वाला व्यक्ति बैंक कर्मचारी होने का दावा करे. इतना ही नहीं बैंक ICICI बैंक ने अपने मोबाइल ऐप iMobile में एक नई सुविधा शुरू की है जो किसी भी स्क्रीन शेयरिंग ऑप्शन को अनुमति नहीं देने देता है. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि वित्तीय धोखाधड़ी से बचने लिए सतर्क रहें और अपनी निजी सूचना फोन पर किसी के साथ शेयर न करें.
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