व्हाट्सऐप पर इन दिनों ऐसे कॉल्स की भरमार है. हर दूसरे व्यक्ति को इंटरनेशनल नंबर्स से कॉल या मैसेज आ रहे हैं. साइबर ठग ठगी के नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं. अभी तक ये ठग नॉर्मल फोन कॉल के जरिए लोगों को लूट रहे थे लेकिन अब व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ओटीटी कॉम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म पर लोगों को निशाना बना रहे हैं. इन नंबर की शुरूआत 251, 60, या 84 से होती है… इसके अलावा भी कई अन्य इंटरनेशनल कोड से ये कॉल आती हैं. इसके उलट जब आपके पास डोमेस्टिक कॉल आती हैं, यानी भारत में ही किसी एक जगह से दूसरी जगह पर कॉल किया जाता है तो उन नंबर की शुरुआत +91 से होती है जो भारत का कंट्री कोड है.
कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म LocalCircles के एक सर्वे के मुताबिक भारत में व्हाट्सऐप यूज करने वाले 83 फीसद लोगों ने कहा कि पिछले 30 दिनों में उन्हें अन्नोन नंबर्स से जमकर ऑडियो और वीडियो कॉल आ रहे हैं.. और जिन लोगों को ऐसे कॉल आ रहे हैं उनमें से 59 फीसद लोगों ने कहा कि ये कॉल्स इंटरनेशनल नंबर्स से आ रहे हैं.
कहां से आते हैं ये कॉल? इस तरह के कॉल मलेशिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, श्रीलंका, इथोपिया और केन्या जैसे देशों के नंबर से आ रहे हैं. ये कॉल VOIP नेटवर्क के जरिए आते हैं. ये नंबर दिखते तो इंटरनेशनल हैं लेकिन कॉल आपको भारत के ही किसी हिस्से से इंटरनेट के जरिए किया जा रहा होगा…ये इंटरनेशनल कॉलर मैलवेयर जैसे खतरनाक वायरस आपके फोन में ट्रांसफर कर रहे हैं. कई बार कॉल ब्लैंक होती हैं तो कई बार इनके जरिए लिंक भेजे जाते हैं.
ठगी से कैसे बचें? इस तरह के कॉल के साथ घर बैठे कमाई कराने के जॉब ऑफर या डेटा एंट्री का लिंक भेजकर उसे क्लिक करने और कुछ स्टेप फॉलो करने को कहा जाता है, लेकिन आपको ऐसा भूलकर भी नहीं करना है. आपने ऐसा किया तो समझिए पैसों से हाथ धो बैठेंगे. साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह है कि ऐसे कॉल बिलकुल ना उठाएं और ना ही उनके साथ आने वाले मैसेज का जवाब दें. अगर ये कॉल आए तो आप वे नंबर तुरंत ब्लॉक कर दें. अगर आपने गलती से कॉल उठा लिया है और फ्रॉड के शिकार हुए हैं तो तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं.
कैसे आ रहे हैं कॉल? व्हाट्सऐप और टेलीग्राम पर स्कैम कॉल्स की भरमार के पीछे लाखों डॉलर की एक इंडस्ट्री है जहां फ्रॉडस्टर कई तरीकों से इंटरनेशनल नंबर हासिल कर रहे हैं. कई फ्री ऐक्सेस वेबसाइट्स हैं जिनकी मदद से किसी भी देश का वर्चुअल फोन नंबर जनरेट किया जा सकता है. कई प्लेटफॉर्म्स हैं जो फीस लेकर इस तरह के नंबर जनरेट करते हैं और ये फीस क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पे की जाती है. Telegram और eBay जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोगों का एक इकोसिस्टम है जो इस तरह के नंबर जेनरेट करता है.
सरकार और दूरसंचार कंपनियों का रुख इस तरह के फ्रॉड कॉल को फिलहाल ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है. दूरसंचार कंपनियां और TRAI रेगुलर नेटवर्क पर स्पैम कॉल और मैसेज पर लगाम कसने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित उपाय करने में लगी हैं. दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि व्हाट्सऐप और टेलीग्राम रेगुलेटेड नहीं हैं इसलिए उन्हें इस तरह के कॉल पर लगाम लगाने के लिए खुद एक मैकेनिज्म तैयार करना होगा. केंद्रीय दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा कि सरकार इस तरह के साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर व्हाट्सऐप को फर्जीवाड़े के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कुछ नंबर की जानकारी दी थी और व्हाट्सऐप ने उन्हें ब्लॉक करने में सरकार से सहयोग किया है.
इसलिए व्हाट्सऐप हो या टेलीग्राम, इन कॉम्युनिकेशन ऐप्स का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहें. हालांकि सरकार इस तरह के कॉल्स और मैसेजेस को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है. आपके लिए खुद से सावधानी बरतना जरूरी है… बस और ट्रेन में कहते हैं न कि यात्री अपने सामान की निगरानी खुद करें, इसी तरह फ्रॉड कॉल्स और मैसेजेस को लेकर खुद से थोड़ा सजग रहना जरूरी है. तो सजग रहिए, जागते रहिए.
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