पश्चिम बंगाल में चक्रवात ‘यास’ (Yaas) का असर दिखने लगा है. दीघा स्थित समुद्र तट पर लगे गार्डरेल पार शहर में दो किलोमीटर अंदर तक पानी पहुंच चुका है. इधर, मौसम विभाग का कहना है कि दीघा समुद्र तट से महज 70 किलोमीटर दूर चक्रवात (Yaas) पहुंच चुका है. चंद घंटे के अंदर यह पश्चिम बंगाल में भी लैंडफॉल करेगा.
मौसम विभाग ने कहा है कि कम से कम 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान समुद्र तटीय क्षेत्रों में तांडव मचा सकता है. सावधानी बरतते हुए आठ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया है, लेकिन विशेषज्ञों को अंदेशा है कि जानमाल का भारी नुकसान होगा.
Tidal waves of 2-3 meters in height are expected to inundate low-lying areas in the districts of Balasore, Bhadrak, Medinipur, South 24 Parganas, Kendrapara, and Jagatsinghpur.
Video Location: Sagar, South 24 Parganas. pic.twitter.com/9kL52linfB
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) May 26, 2021
वहीं, बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान ‘यास’ की लैंडफाल प्रक्रिया शुरू होते ही भारतीय नौसेना की निगाहें पूर्वी तट पर और पैनी हो गईं हैं. बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान के बुधवार दोपहर तक भद्रक और बालासोर जिलों के बीच से गुजरने की संभावना है. लैंडफाल वाले इलाके में 130 से 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा चल रही है. लैंडफाल की यह प्रक्रिया तीन-चार घंटे तक चलेगी. पूर्वी तट पर बचाव और राहत संचालन के लिए नौसेना ने अपने जहाज आईएनएस चिल्का को तैनात किया है.
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार खुर्दा में आईएनएस चिल्का ने मुख्यालय पूर्वी नौसेना कमान विशाखापत्तनम के सहयोग से राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ निकट संपर्क में बचाव और राहत कार्यों के समन्वय के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था की है. इसके लिए 24×7 चक्रवात निगरानी दल का गठन किया गया है, जो 24 मई से कार्य कर रहा है.
राज्य के अधिकारियों के परामर्श से तत्काल तैनाती के लिए हजारों लोगों के लिए मिश्रित राहत सामग्री और सामुदायिक रसोई तैयार की जा रही है. नौसेना के ओडिशा में बनाये गए संचालन कक्ष के प्रभारी अधिकारी गोपालपुर, पारादीप और दमारा बंदरगाहों पर अधिकारियों के समन्वय से तट के किनारे जहाजों की आवाजाही की निगरानी कर रहे हैं. नौसेना और नागरिक अधिकारियों के साथ निरंतर संचार बनाए रखने के लिए आईएनएस चिल्का से लगातार संपर्क किया जा रहा है.
भारतीय सेना की पूर्वी कमान चक्रवात ‘यास’ को देखते हुए पश्चिम बंगाल में राहत एवं बचाव कार्यों की अगुवाई कर रही है. सेना के कॉलम की तैनाती पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करीबी समन्वय में की गई है. कुल सत्रह एकीकृत चक्रवात राहत कॉलम तैनात किए गए हैं, जिनमें संबद्ध उपकरणों और फुलाए जा सकने वाली नौकाओं के साथ विशेष कर्मी शामिल हैं. पुरुलिया, झारग्राम, बीरभूम, बर्धमान, पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, नादिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में कॉलम तैनात किए गए हैं. पश्चिम बंगाल में सेना के नौ चक्रवात राहत कॉलम भी कोलकाता में स्टैंडबाय पर रखे गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इनकी पुनः तैनाती की जा सके.
यह दल स्थानीय ज़िला प्रशासन की आवश्यतानुसार बाढ़ में घिरे और फंसे लोगों को निकालने, चिकित्सकीय सहायता देने, तूफान के बाद सड़क मार्ग ख़ाली करने, पेड़ काटने तथा राहत सामग्री का वितरण करने के लिए तैयार हैं.
Cyclone Yaas: The rescue and relief columns of the Indian Army are pre-positioned across areas expected to be affected by the cyclone for immediate response. @SpokespersonMoD@adgpi pic.twitter.com/cupkzA0llS
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) May 26, 2021
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