रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी जी-20 शिखर सम्मेलन से किनारा कर सकते हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को चीनी नक्शे में शामिल करने की वजह से शी जिनपिंग की शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना बेहद कम है. दरअसल दो दिन पहले चीन ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को नक्शे में अपना हिस्सा बताया था. हालांकि चीन के इस मानचित्र को भारत ने खारिज किया था. इसी वजह से शी जिनपिंग के अगले सप्ताह भारत में होने वाले जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीदे कम लगाई जा रही हैंं . खबरों के मुताबिक आसियान देशों की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे.
हालांकि चीन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जी-20 शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने को लेकर अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है. शी जिनपिंग के भारत में आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना से संबंधित खबर के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डी सिल्वा सहित जी-20 के अधिकांश सदस्य देशों के नेताओं ने पहले ही शिखर सम्मेलन में शामिल होने की पुष्टि कर दी है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अवगत करा चुके हैं कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उनके लिए भारत की यात्रा करना संभव नहीं होगा. भारत समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में नयी दिल्ली में नौ और 10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
चीन के एक राजनयिक और एक अन्य जी20 देश की सरकार के लिए काम करने वाले एक अधिकारी के मुताबिक, शी जिनपिंग की जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के नई दिल्ली में 9-10 सितंबर की बैठक में बीजिंग का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद है. हालांकि इस मामले में भारतीय और चीनी विदेश मंत्रालयों के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया है.