अगर आप दिन में सैकड़ों बेमतलब के SMS का सामना करते हैं और बार-बार आने वाले ये बेमतलब के मैसेज आपको डिस्टर्ब कर रहे हैं. दिनभर में आने वाले इन तमाम मैसेज को डिलीट करने के लिए भी आपको अलग से वक्त निकालना पड़ता है. अब 1 अप्रैल से आपकी बेमतलब के SMS की ये मुसीबत खत्म होने वाली है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कदम से ग्राहकों के साथ होने वाली ठगी और फर्जीवाड़े को खत्म करने में मदद मिलेगी.
क्या है ट्राई का निर्देश?
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने ऑपरेटर्स को निर्देश दिया है कि वे SMS चेकिंग फिल्टर्स को 1 अप्रैल से फिर से लागू करें और ऐसे SMS को रोक दें जो कि ट्राई के तय किए गए रेगुलेटरी नियमों को पूरा नहीं करते हैं. ट्राई ने 23 मार्च की अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि ट्राई ने अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (UCC) यानी अनचाहे कमर्शियल कम्युनिकेशन को रोकने के लिए TCCCPR, 2018 रेगुलेशंस जारी किए थे. इन रेगुलेशंस को 28.02.2019 से लागू कर दिया गया था. इशके बाद से लगातार ट्राई टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSP) के साथ संपर्क में रहा है. ट्राई ने लिखा है कि इन्हीं रेगुलेशंस को लागू करने के लिए 8 मार्च 2021 से SMS स्क्रबिंग को एक्टिवेट कर दिया गया था. लेकिन, यह पाया गया कि इसकी वजह से कुछ A2P मैसेज सर्विस में बाधा पैदा हुई. इसके अलावा, रेगुलेशंस को लाए हुए 2 साल गुजरने के बाद भी प्रिंसिपल इकाइयों ने TCCCPR, 2018 की जरूरतों पर पूरा नहीं किया, जबकि वे इन रेगुलेशंस और इनके परिणामों को लेकर पूरी तरह से अवगत हैं. ट्राई ने कहा है कि ग्राहकों के हितों को देखते हुए ट्राई ने TSP से कहा था कि वे 7 दिन के लिए SMS स्क्रबिंग को रोक दें ताकि प्रिंसिपल इकाइयां SMS के टैंपलेट को रजिस्टर करा सकें जिससे ग्राहकों को कोई दिक्कत न हो.
टैंपलेट कराने होंगे रजिस्टर्ड
25 मार्च को टेलीकॉम कंपनियों और सभी टेलीमार्केटिंग कंपनियों को अपनी चिट्ठी में ट्राई ने कहा है कि रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें पर्याप्त वक्त दिया गया था और अब ग्राहकों को रेगुलेटरी प्रावधानों से वंचित नहीं किया जा सकता है. स्क्रबिंग का मतलब ये है कि ग्राहकों को कमर्शियल SMS भेजने वाली सभी प्रिंसिपल इकाई को पहले से रजिस्टर्ड टैंपलेट के मुताबिक ही अपने SMS भेजने होंगे. अगर ये मैसेज पहले से रजिस्टर्ड टैंपलेट के मुताबिक नहीं होंगे तो टेलीकॉम कंपनी इन मैसेज को ब्लॉक कर देगी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (आईएएमएआई) के कंसल्टेंट रक्षित टंडन बताते हैं, “इस कदम के पीछे सबसे बड़ी कोशिश ग्राहकों को फ्रॉड से बचाना है. कई बार ऐसा होता है कि कोई कंपनी बंद हो जाती है, लेकिन उसके नाम पर लोग फर्जी मैसेज भेजते रहते हैं. पिछले साल कोविड-19 के दौरान केवाईसी कराने के मैसेज लोगों के पास आए थे और इनके जरिए लोगों को ठगा गया.” वे कहते हैं, “टेलीमार्केटिंग कंपनियों को खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा. ट्राई के इस कदम के बाद अब फर्जीवाड़े रोके जा सकेंगे और इससे ग्राहकों को बड़ा फायदा होगा. हालांकि, मार्च में जब SMS स्क्रबिंग को लागू किया गया था तब इससे कुछ दिक्कतें हुई थीं, जिसमें लोगों को OTP नहीं मिल पा रहे थे. ऐसी छोटी-मोटी दिक्कतें होती हैं, लेकिन एक बार सिस्टम ठीक तरह से लागू हो जाएगा तब ये सभी दिक्कतें भी दूर हो जाएंगी.”
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