कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने EPF को आधार नंबर से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है. यह एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि आधार से लिंक होने पर आपको ईपीएफ खाता खोलने, इसे बनाए रखने और इसे बंद करने में आसानी होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि आधार से लिंक करना ऑनलाइन लेनदेन के लिए किसी व्यक्ति की पहचान करने के सबसे कुशल तरीकों में से एक है. यह एक व्यक्ति-एक ईपीएफ खाते की दिशा में एक उचित कदम है.
UAN या यूनिक अकाउंट नंबर को साल 2014 में यह सुनिश्चित करने के लिए लॉन्च किया गया था कि प्रत्येक व्यक्ति के पास केवल एक खाता संख्या हो, चाहे व एक नियोक्ता से दूसरे के पास क्यों ना जाए.
ईपीएफ को आधार से लिंक कराने की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2021 थी. इससे पहले यह समय सीमा 30 मई 2021 थी, जिसे आगे बढ़ाया गया. ईपीएफओ ने नियोक्ताओं को सभी खाताधारकों के यूएएन को सत्यापित करने का भी निर्देश दिया है. यदि खातों का सत्यापन नहीं किया जाता है, तो नियोक्ता कर्मचारी के पीएफ खाते में योगदान नहीं कर पाएंगे.
EPFO की ऑनलाइन क्लेम सेवा काफी लोकप्रिय हो गई है. अब कर्मचारी एक बटन के क्लिक पर ही अपने फंड को एक नियोक्ता से दूसरे में स्थानांतरित करने में सक्षम हैं. इस कदम से लाखों लोगों को उनके पीएफ खातों को संभालने में मदद मिली है. इससे पहले खाताधारकों को पर्याप्त पारदर्शिता नहीं मिलती थी. अब धन के हस्तांतरण और निकासी की प्रक्रिया काफी तेज और निर्बाध हो गई है.
पीएफ खातों की ऑफलाइन ट्रैकिंग बेहद थकाऊ थी. डाक द्वारा दस्तावेज भेजने से लेकर सही ईपीएफओ कार्यालय की पहचान करने में समस्याएं बहुत अधिक थीं. इसके अलावा, किसी को रोजगार के प्रत्येक परिवर्तन के अनुरूप कई खाता संख्याओं के साथ संघर्ष करना पड़ता था. सिर्फ ट्रांसफर ही नहीं, अकाउंट को अपडेट करना ऑफलाइन दुनिया में आसान नहीं था.
ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से कई मुद्दों का समाधान किया गया है. आधार को जोड़ने से सिस्टम मजबूत हुआ है और पीएफ खातों में अधिक पारदर्शिता आई है. ईपीएफओ को लगातार और अधिक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि ईपीएफओ के पास पड़े लावारिस धन में भी कमी आए.
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