कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी CACP ने आगामी रबी सीजन (2023-24) से गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 8 फीसद की बढ़ोतरी कर 2,300 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है. सीएसीपी ने इसके अतिरिक्त दलहन और तिलहन की एमएसपी में भी 3 से 8 फीसद की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. बता दें कि चालू विपणन सत्र (2023-24) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले साल की तुलना में 5.45 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
एमएसपी से ऊपर है गेहूं का भाव
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मौजूदा सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपए प्रति क्विंटल के मुकाबले बाजार में अभी गेहूं का भाव 2,400 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास कारोबार कर रहा है. उनका कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी होने से किसानों को ज्यादा कीमत मिलेगी जिससे वे अगले सीजन में गेहूं की ज्यादा बुआई के लिए प्रोत्साहित होंगे.
ज्यादा एमएसपी से गेहूं की बुआई बढ़ा सकते हैं किसान
ऊंचे न्यूनतम समर्थन मूल्य की वजह से किसान एफसीआई को गेहूं की बिक्री के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं और इससे गेहूं के आधिकारिक स्टॉक को बफर से नीचे जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी. सीएसीपी की सिफारिश और राज्यों से मिले इनपुट के आधार पर रबी फसलों की बुआई शुरू होने से पहले कैबिनेट अगले महीने न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान कर सकती है. गौरतलब है कि उत्पादन कम होने की वजह से विपणन सत्र 2022-23 में FCI की गेहूं खरीद 130 फीसद घटकर 18.79 मिलियन टन रही है, जबकि चालू वर्ष में एफसीआई सिर्फ 26.2 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी कर पाया है.
वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सीएसीपी ने हाल ही में कृषि मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में दलहन की बुआई क्षेत्र का विस्तार करने का सुझाव दिया है. बता दें कि मौजूदा समय में दलहन की बुआई कुछ राज्यों में केंद्रित हैं. उनका कहना है कि तिलहन के बड़े पैमाने पर हो रहे इंपोर्ट को कम करने के लिए किसानों को भुगतान को लेकर एक ढांचा अपनाने के लिए सुझाव दिया है. गौरतलब है कि CACP सरकार को 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश करती है.