2014 में सरकार में आने के बाद से बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने कई अहम योजनाएं उतारी हैं. लेकिन, नरेंद्र मोदी की लॉन्च की गई इन तमाम स्कीमों में से 2015 में लॉन्च अटल पेंशन योजना में लोगों की काफी दिलचस्पी दिखाई दी है.
इस स्कीम को 1 जून 2015 को लॉन्च किया गया था. इसमें शामिल होने वाले लोगों 60 साल की उम्र के बाद 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की रकम हर महीने बतौर पेंशन मिलेगी.
सरकार की ये योजना कुछ बेहद सफल योजनाओं में शामिल है. इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि इस पेंशन स्कीम में बड़ी तादाद में लोगों ने खुद को रजिस्टर्ड कराया है.
पेंशन क्षेत्र के नियामक पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथारिटी (PFRDA) के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2021 तक 2 करोड़ 72 लाख 69 हजार लोगों ने अटल पेंशन योजना में खाता खुलवा लिया था. पिछले साल फरवरी अंत में इस योजना के अकाउंट होल्डर्स की संख्या 207.41 लाख थी. इसका मतलब ये है कि एक साल की अवधि में ही इसमें 31.48 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है.
यह आंकड़ा इस वजह से भी अहम है क्योंकि पिछले साल मार्च से ही देश में कोरोना महामारी का कहर शुरू हो गया था. इसके बाद के दौर में बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां खत्म हुईं और आर्थिक गतिविधियां भी बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. इसके बावजूद अटल पेंशन योजना में बड़ी तादाद में नए खाते खुले हैं. इससे इस योजना को लेकर सब्सक्राइबर्स के भरोसे का पता चलता है.
इस योजना के तहत आवेदन करने वाले आवेदक को हर महीने एक निश्चित प्रीमियम जमा करना होता है. उसके बाद आवेदक की 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद सरकार उसे मासिक पेंशन के रूप में बुढ़ापे में आर्थिक सहायता देती है. अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) में आवेदन करने के लिए लाभार्थियों की उम्र 18 से 40 वर्ष होनी चाहिए तभी वह इस योजना का लाभ उठा सकते है. अगर कोई लाभार्थी 18 वर्ष की आयु में इस योजना से जुड़ना चाहता है तो उन्हे 210 रुपये का प्रीमियम हर महीने देना होगा तथा जिनकी आयु 40 वर्ष है तो उन्हें 297 से लेकर 1 ,454 रुपये तक का प्रीमियम देना होगा.