ग्लोबल फाइनेंशियल फर्म क्रेडिट सुइस का मानना है कि देश में बढ़ते कोविड मामलों के चलते भारतीय शेयर बाजारों में आने वाले हफ्तों में प्रॉफिट बुकिंग दिखाई दे सकती है. हालांकि, क्रेडिट सुइस ने कहा है कि निवेशक मार्केट में गिरावट के इस मौके का इस्तेमाल 6-9 महीने के लिहाज से खरीदारी के लिए कर सकते हैं.
कोविड के डर से गिरा बाजार
गुरुवार को BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी शुरुआती कारोबार में आधा फीसदी से ज्यादा गिर गए थे. देश में एक दिन में कोविड के सबसे ज्यादा 3 लाख से ऊपर मामले आने के चलते मार्केट में तेज गिरावट दर्ज की गई है. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 353 अंक या 0.74 फीसदी गिरकर 47,357 अंक पर कारोबार कर रहा था. दूसरी ओर, निफ्टी इंडेक्स 84 अंक या 0.59 फीसदी नीचे 14,212 पर कारोबार कर रहा था.
पहले के मुकाबले ज्यादा तैयार हैं कंपनियां
क्रेडिट सुइस ने कहा है, “हालांकि, भारत में कोविड महामारी की दूसरी लहर और इसके चलते लगाई गई पाबंदियां ग्रोथ को लेकर चिंता पैदा कर रही हैं, लेकिन हमारा मानना है कि कंपनियां इस बार ज्यादा अच्छी तरह से इससे निपटने के लिए तैयार हैं.”
अभी भी इक्विटी सबसे बेहतर विकल्प
एसेट एलोकेशन के लिहाज से क्रेडिट सुइस का मानना है कि इक्विटीज अभी भी महंगाई के खिलाफ सबसे बढ़िया रिटर्न ऑफर कर रही हैं. क्रेडिट सुइस ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे मौजूदा गिरावट का फायदा खरीदारी के लिए करें. इसमें कहा गया है, “हम डिफेंसिव की बजाय साइक्लिकल्स को और लार्ज कैप की बजाय मिड कैप्स को तरजीह देते हैं. हमें उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में इनमें तेज रिकवरी दिखाई देगी.”
दूसरी छमाही में मजबूत रिकवरी की उम्मीद
ग्लोबल फर्म बड़े बैंकों, मेटल्स और केमिकल्स जैसे निर्यात आधारित सेक्टरों को तरजीह दे रही है. क्रेडिट सुइस ने कहा है, “हालांकि, आंशिक लॉकडाउन और पाबंदियों से कुछ कारोबारों पर बेहद बुरा असर पड़ सकता है, लेकिन ऐसे में बड़ी और अच्छे प्रबंधन वाली कंपनियां अपनी मार्केट हिस्सेदारी को और बढ़ा सकती हैं. साथ ही अगले कुछ हफ्तों में डिमांड में होने वाले नुकसान की भरपाई लॉकडाउन को हटाने पर हो सकती है. वैक्सीनेशन में तेजी आने और इम्युनिटी बढ़ने के साथ ही हमें लगता है कि साल की दूसरी छमाही में मजबूत मैक्रो रिकवरी दिखाई दे सकती है.”
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