Money9 का फाइनेंशियल फ्रीडम समिट अपने दूसरे संस्करण के साथ मुंबई में शुरू हो गया है. कार्यक्रम के दौरान Zuno की MD और CEO शनाई घोष ने कहा है कि बीमा के अंदर कई तरह के बीमा आते हैं. देश में 4 -5 तरह के प्रमुख बीमा हैं, लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, प्रॉपर्टी इंश्योरेंस, फसल बीमा और व्हीकल इंश्योरेंस. इसके अलावा भी कई बीमा हैं. बीमा के बारे में ये जानना जरूरी है कि क्योंकि क्लेम करने वालेे बहुत सारे लोग होंगे, तो इसे ध्यान में रखते हुए बीमा महंगा होता है.
शनाई घोष ने कहा कि बीमा का रेट नीचे आएगा, एक्सपीरियंस के साथ ऐसा होगा. हम मार्केट बढ़ाने की कोशिश करते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस महंगा होने की वजह है कि हेल्थ केयर सेक्टर में महंगाई बढ़ी है. इंश्योरेंस कंपनियां इस वजह से हेल्थ इंश्योरेंस की कीमत बढ़ा रही है. हालांकि कॉस्ट कम करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इंश्योर टेक कंपनियां इसमें योगदान दे रही हैं. इंश्योरेंस सेक्टर के रेगुलेशन के बजाए हमें हेल्थ केयर सेक्टर के रेगुलेशन की ज्यादा जरूरत है. हेल्थ केयर के इंफ्लेशन की वजह से ही हेल्थ इंश्योरेंस महंगा हो रहा है.
Policy Bazaar Fintech के निदेशक राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि पिछले 1 दशक में बीमा कंपनियों ने जो सफर तय किया है उससे लगता है कि अवसर बढ़े हैं. हम टियर-1 शहरों में आगे बढ़े हैं, लेकिन टियर-2 और 3 शहरों में अभी और काम करना बाकी है. हम चाहते हैं कि हम इंश्योरेंस पार्टनर कंपनियों के साथ छोटे शहरों में पहुंच बढ़ाएं. हमें इन शहरों में रहने वाले लोगों को कन्विंस करना है कि इंश्योरेंस लेना क्यों जरूरी है. हमें छोटे शहरों के हिसाब से प्रोडक्ट लाना होगा. मुझे उम्मीद है कि 2047 नहीं बल्कि उससे काफी पहले सबके लिए बीमा का लक्ष्य पूरा कर पाएंगे. ज्यादा लोग बीमा खरीदेंगे तो बीमा सस्ता होगा. हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर को इन्सेंटिव देने की जरूरत है.