दिसंबर तिमाही में भारत की गोल्ड मांग 85 फीसदी बढ़कर 344 टन के रिकॉर्ड स्तर पर रही है. क्या है सोने की मांग में तेज उछाल की वजह…आईए आपको बताते हैं. World Gold Council यानी WGC की 2021 के लिए जारी गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के मुताबिक भारत में चौथी तिमाही में सोने की मांग रिकॉर्ड स्तर पर रही है. दिसंबर तिमाही में सोने की मांग 85 फीसदी बढ़कर 344 टन रही जो पिछले साल की समान अवधि में 186 टन थी. कीमत के आधार पर दिसंबर तिमाही में सोने की मांग 80 फीसदी बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपए रही है. रुकी मांग लौटने, कीमतों में स्थिरता से ज्वैलरी की डिमांड में तेज उछाल देखने को मिला है.
चौथी तिमाही में ज्वैलरी की मांग में 93 फीसदी बढ़कर 265 टन के रिकॉर्ड स्तर पर रही जोकि समान अवधि में 137.3 टन थी. कीमत के हिसाब से ज्वैलरी की मांग पिछले साल समान अवधि के 61,060 करोड़ रुपए से बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रही है.
चौथी तिमाही में छोटे बेस के चलते सोने में निवेश मांग भी 61 फीसदी बढ़कर 79 टन रही जोकि 8 साल की ऊंचाई पर थी. समान अवधि में पिछले साल सोने की निवेश मांग 48.9 टन रही थी. इस दौरान सोने में निवेश बढ़कर 34,130 करोड़ रुपए रहा जो समान अवधि में पिछले साल 21,730 करोड़ रुपए था. नवंबर में कीमतों में गिरावट और मजबूत आउटलुक की उम्मीद में सोने में रिटेल निवेश बढ़ा है.
चौथी तिमाही की दमदार मांग के बूते साल 2021 में सोने की कुल मांग 78.6 फीसदी बढ़कर 797.3 टन रही जोकि 2020 के दौरान 446.4 टन थी. इस दौरान ज्वैलरी की मांग दो गुना बढ़कर कोरोना से पहले के स्तर के पार चली गई है. 2021 में ज्वैलरी की मांग 611 टन रही जोकि छह साल की ऊंचाई पर थी.
साल की दूसरी छमाही में लोकडाउन की पाबंदियां हटने और टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने से कंज्यूमर सेंटिमेंट में सुधार हुआ जिससे दशहरा और धनतेरस के दौरान खपत और निवेश दोनों में बढ़ोतरी हुई. साल के दौरान ज्वैलर्स की बिक्री कोरोना काल के समय के पार चलेगी क्योंकि इंपोर्ट और एक्सपोर्ट दोनो तेजी से बढ़े.
WGC के Regional CEO, India Somasundaram PR के मुताबिक, “दिसंबर तिमाही जैसा उछाल 2022 में जारी रहने की उम्मीद कम है पर इससे मांग कोरोना से पहले के स्तरों पर सामान्य होने की उम्मीद है.”अब देखने वाली बात ये है कि पॉलिसी सुधारों से अगले कुछ सालों में सोने को एक mainstream एसेट क्लास बनने में कितनी मदद मिलती है.