संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्ट को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT से राहत मिली है. NCLT ने दिवालिया होने के लिए गो फर्स्ट की याचिका को मंजूर कर लिया है. साथ में NCLT ने एयरलाइन के बोर्ड को भंग कर दिया है. और दिवालिया प्रक्रिया के लिए अभिलाष लाल को नियुक्त किया है. दिवालिया प्रक्रिया के लिए गो फर्स्ट को 5 करोड़ रुपए जमा करने के लिए बोला गया है और साथ में यह भी कहा गया है कंपनी के किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा. कर्ज देने वाले बैंक कंपनी के दिवालिया होने का समर्थन कर रहे हैं.
यात्रियों का लौटाया जाएगा पैसा
इस बीच गो फर्स्ट की तरफ से कहा गया है कि 19 मई तक सभी उड़ाने रद्द हैं. जिन यात्रियों ने टिकट बुक कराया हुआ है उनका सारा पैसा वापस लौटाया जाएगा. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गो फर्स्ट को कर्ज देने वाले बैंक भी कंपनी की इनसॉलवेंसी का समर्थन कर रहे हैं. बैंकों को खतरा है कि गो एयर का हाल भी जेट एयरवेज की तरह न हो जाए और उनका सारा पैसा फंस जाए. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गो फर्स्ट को कर्ज देने वाले बैंक भी कंपनी की इनसॉलवेंसी यानी दिवालिया होने की अर्जी का समर्थन कर रहे हैं.
दूसरी एयरलाइन को दिए जाएंगे विमान?
दरअसल, बैंकों को खतरा है कि गो एयर का हाल भी जेट एयरवेज की तरह न हो जाए और उनका सारा पैसा फंस जाए. इसके अलावा एक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि गो फर्स्ट को लीज पर जहाज देने वाली कंपनियों ने गो फर्स्ट के विमानों को दूसरी एयरलाइन कंपनियों को देने के लिए बातचीत शुरू कर दी है. इन कंपनियों की सूची में Air India, IndiGo, Akasa के नाम शामिल हैं. NCLT का फैसला आने से पहले Go First को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों ने DGCA के पास कंपनी ने 9 और विमानों को डी-रजिस्टर करने की याचिका दाखिल की है. इस तरह बीते एक हफ्ते में कंपनी के कुल 45 विमानों को डी-रजिस्टर करने के लिए DGCA के पास अर्जियां दाखिल की गई हैं.