जेट एयरवेज के बाद अब गोफर्स्ट एयरलाइन भी बंद होने के कगार पर पहुंच गई है. पूंजी संकट की वजह से गोफर्स्ट ने NCLT के पास दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है. एयरलाइन्स ने तेल कंपनियों का बकाया न चुकाने की वजह से 3 से 5 मई तक के लिए अपनी सभी उड़ानों को निलंबित कर दिया है. कंपनी ने सभी यात्रियों के जल्द ही पैसे लौटाने की बात कही है.
गोफर्स्ट ने कहा कि प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन आपूर्ति न होने से उसके आधे विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. इससे उसको काफी वित्तीय नुकसान हो रहा है. इसके अलावा परिचालन लागत दोगुनी होने से भी गो फर्स्ट को 10,800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
क्यों दिवालिया हुई गो फर्स्ट?
गोफर्स्ट के पास 60 विमान हैं. इन विमानो में प्रैट एंड व्हिटनी के इंजन इस्तेमाल होते हैं. इस कंपनी के इंजन में काफी समय से शिकायत मिल रही थी. खबरें थी कि इंडिगो और गो फर्स्ट के 50 से भी ज्यादा विमान इंजन की समस्या की वजह से उड़ नहीं पा रहे थे. इस वजह से गो फर्स्ट को पट्टे पर विमान लेने पर थे. पिछले दिनों गो फर्स्ट के कई विमानों को उड़ने की इजाजत भी नहीं थी. जिस वजह से कंपनी को वित्तिय नुकसान भी उठाना पड़ा था.
पहले भी आई संकट की खबरें
गो फर्स्ट के संकट में फंसने के संकेत तो 2 महीने पहले ही मिलने लगे थे. फरवरी में खबर छपी थी कि एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट आर्थिक संकट से जूझ रही है. बिजनेसलाइन ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एयरलाइन के पायलट्स को अभी तक जनवरी महीने का वेतन नहीं मिला है और केबिन क्रू को भी पिछले हप्ते ही जनवरी का वेतन दिया गया है. दिसंबर के दौरान देश में जितने लोगों ने हवाई यात्रा की है. उनमें गो फर्स्ट को चुनने वालों का आंकड़ा लगभग 7.5 फीसद रहा है.
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