WhatsApp: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को वॉट्सऐप (WhatsApp) की नई निजता नीति के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार, फेसबुक तथा मैसेजिंग ऐप को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केन्द्र सरकार और दोनों सोशल मीडिया मंच (फेसबुक तथा वॉट्सऐप) को नोटिस जारी करते हुए उन्हें याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया.
यह याचिका एक वकील ने दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि 15 मई से अमल में आई वॉट्सऐप की नई निजता नीति संविधान के तहत ऐप उपयोगकर्ताओं के निजता के अधिकार का हनन करती है.
वॉट्सऐप का पक्ष रख रहे वकील ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि नीति को स्थगित नहीं किया गया है और यह 15 मई से ही अमल में आ गई है. कुछ समय के लिए वह नई नीति स्वीकार ना करने वाले उपयोगकर्ताओं के खाते नहीं हटाएगी और उन्हें इसे स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. मामले पर अब तीन जून को आगे सुनवाई होगी.
वॉट्सऐप ने साफ तौर पर कहा है कि उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी पेरेंट कंपनी फेसबुक को ध्यान में रखकर तैयार किया है. नई प्राइवेसी के तहत वॉट्सऐप का डाटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और पार्टनर कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा, लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है यानी यदि आप किसी बिजनेस अकाउंट (वॉट्सऐप बिजनेस) से वॉट्सऐप पर चैट करते हैं तो सिर्फ वही डाटा कंपनी लेगी और अन्य कंपनियों को देगी.
यदि आप अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार से आम वॉट्सऐप अकाउंट से बात कर रहे हैं तो आपकी चैटिंग कंपनी नहीं देखेगी और ना ही किसी कंपनी के साथ शेयर करेगी, लेकिन यदि आपका दोस्त वॉट्सऐप का बिजनेस ऐप इस्तेमाल करता है तो आपकी चैटिंग कंपनी पढ़ेगी और शेयर भी करेगी. ऐसे में सीधी बात यह है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है. इसे स्वीकार करने के बाद निजी चैट प्रभावित नहीं होंगे.
वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका डाली गई थी जिसके जवाब में वॉट्सऐप ने कहा था कि तमाम इंटरनेट आधारित ऐप की वही पॉलिसी है जो उनकी है. बिग बास्केट, कू, ओला, ट्रूकॉलर, जोमैटो और आरोग्य सेतु ऐप भी यूजर्स का डाटा लेते हैं.
वॉट्सऐप ने 5 मई को कोर्ट में एफिडेविट दिया है जिसमें अन्य एप्स द्वारा लिए जा रहे यूजर डाटा की आलोचना की गई है. वॉट्सऐप ने कोर्ट से कहा है कि यदि भारत में उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी ब्लॉक की जाती है तो इस फैसले से अन्य कंपनियां भी प्रभावित होंगी.
वॉट्सऐप का दावा है कि यदि उसके खिलाफ फैसला आता है तो भारत में सेवाएं दे रहे ग्रोसरी ऐप और ऑनलाइन डॉक्टर के अपॉइंटमेंट दिलाने वाले ऐप्स भी प्रभावित होंगे. वॉट्सऐप का कहना है कि नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है. ऐसे में इसे लेकर हंगामा होना ही नहीं चाहिए.
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